Thursday, June 7, 2012

मशीन खराब है...

बातचीत के दौरान अक्सर यह जुमला सुनने को मिल जाता है कि भगवान ने तो सिर्फ मनुष्य ही बनाया लेकिन मनुष्य ने न जाने कितने ही प्रयोग करके नई-नई तकनीकें ईजाद कर दी।  वैसे भी यह कहा गया है और माना भी गया है  कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। जब-जब मनुष्य को किसी वस्तु की जरूरत महसूस हुई तो उसने उस दिशा में सोचा और फिर आवश्यकताओं की पूर्ति भी की। खैर, जिस संदर्भ में यह भूमिका बांधी गई है वह ज्यादा बड़ी तो नहीं है लेकिन इसके पीछे जो दिमाग लगा उसने वाकई सोचने पर मजबूर कर दिया। जी हां, बात रात को एटीएम पर तैनात रहने वाले चौकीदार की है। बिलासपुर की चिपचिपाहट भरी गर्मी के मौसम में रात भर खड़े होकर ड्‌यूटी देना बड़ा मुश्किल काम है, हालांकि कुछ एटीएम में चौकीदार के अंदर बैठने की व्यवस्था भी होती है। एसी के अंदर बैठने पर चौकीदार को न तो गर्मी लगती है और वह बैठे-बैठे झपकी भी ले लेता है। लेकिन यहां जिस चौकीदार एवं एटीएम का जिक्र है, उसकी कहानी कुछ अलहदा है। बिलासपुर के लिंक रोड पर स्थित एक एटीएम के अंदर चौकीदार के बैठने की व्यवस्था नहीं है, हालांकि अंदर काफी जगह है, उसमें चौकीदार बैठ ही नहीं बल्कि आराम से लेट भी सकता है। संबंधित बैंक प्रबंधन ने शायद सोचा होगा कि चौकीदार कहीं अंदर बैठ कर सो ना जाए लिहाजा, उसके लिए अंदर बैठने की कोई व्यवस्था रखी ही नहीं गई। लेकिन चौकीदार, बैंक प्रबंधन से दो कदम आगे निकला। चौकीदार ने जो तरीका खोजा उसके आगे बैंक प्रबंधन की सोच पानी भरते नजर आ रही है। चौकीदार ने आराम से सोने का एक अजीब सा तरीका खोज निकाला। उसने एक गत्ते पर सफेद कागज चिपका कर उस पर 'मशीन खराब है'  लिखा और एटीएम के दरवाजे पर टांग दिया। यह काम वह रोज रात को करने लगा। बाहर वह यह सूचना टांग देता और अंदर से आराम से खर्राटे भरता। शुरुआत में मैंने सोचा कि वाकई मशीन खराब हो गई होगी लेकिन सुबह जब एटीएम पर लोगों को पैसा निकालते देखा तो मेरे सारा माजरा समझ में आ गया। रातोरात मशीन ठीक होना संभव भी नहीं है। अब यह काम उस चौकीदार के लिए रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है, हालांकि दिन में बैंक खुलता है, ऐसे में यह काम संभव नहंी हैं। रात को कोई देखता नहीं है, लिहाजा तख्ती लटका दी जाती है। रात को कोई उपभोक्ता आता है तो दूर से ही तख्ती देखकर वापस चला जाता है। मैं रोज रात को इस एटीएम के आगे से गुजरता हूं और उसके अंदर सोए चौकीदार को देखता हूं तो मुस्कुराए बिना नहीं रहता। वैसे कुछ बैंक की तरफ से एटीएम के अंदर सीसी कैमरे भी लगवाए जाते हैं। अगर इस मामले में बैंक प्रबंधन सोच ले तो शायद चौकीदार भी कोई नया तरीका खोज  ले। बहरहाल, चौकीदार के इस तरीके से बैंक अनजान हैं और चौकीदार मजे से एटीएम के अंदर लगे एसी कीहवा में आराम से चैन की नींद सोकर अपनी ड्‌यूटी निभा रहा है।