बस यूं ही
हाल ही में फेसबुक पर स्लोगन पढ़ा था, उसका मजमून कुछ तरह से था 'जो आपको जानते हैं, उनको बताने की जरूरत नहीं है और जो नहीं जानते उनको बताने से भी कोई फायदा नहीं है। खैर, क्या पता था यह स्लोगन मेरे पर ही चरितार्थ हो जाएगा। आज दोपहर बाद फेसबुक पर मैंने एक फोटो लगाई। मैं हमेशा फोटो का विवरण लिखता हूं लेकिन इस बार यह सोचकर कुछ नहीं लिखा कि देखते हैं फेसबुक के दोस्त क्या अनुमान लगाते हैं। और ऐसा हुआ भी। कई साथियों ने तो बिलकुल सटीक कमेंट लिखे लेकिन कई कमेंट ऐसे भी आए हैं, जिनको पढऩे के बाद इतनी हंसी आ रही है कि पेट में बल पड़ रहे हैं। वैसे तो फोटो पर लाइक एवं कमेंट करने वाले यह सब पढ़ ही चुके होंगे और हो सकता है मुस्कुराए भी हों, लेकिन सब का बारी-बारी से जवाब देना ही उचित रहेगा। संशय किसी भी सूरत में नहीं रहना चाहिए। पहले बात कमेंट्स की। सबसे पहले तौफिक डाबडी झुंझुनूं ने लिखा. डियर सर, वेरी फाइन विद..। उन्होंने सवाल छोड़ दिया। दूसरे नम्बर पर साथी मधुसूदन शर्मा ने लिखा जोड़ी नम्बर वन। ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि वो हकीकत से वाकिफ हैं। तीसरे नम्बर पर साथी वीरप्रकाश झाझडिय़ा ने संतुलित कमेंट लिखकर किसी प्रकार की गुंजाइश नहीं छोड़ी.. उन्होंने लिखा नाइस। साथी अशोक शर्मा ने सर... सर... सर.. लिखा। उनके इस तरीके से ऐसा लगा मानो.. उनको यह फोटो अप्रत्याशित लगा हो। खैर, इसके बाद भिलाई के पत्रकार साथी शिवनाथ शुक्ला लिखते हैं.. सीताराम...निर्भर आकाश के पास में पूनम का चांद..। साहित्यिक भाषा में उन्होंने भी साबित कर दिया कि फोटो के ये दो किरदार कौन हैं। बीच में एक कमेंट साथी बलजीत पायल का भी आया था लेकिन वो बेहद मजाकिया था, उन्होंने उसको हटा लिया है। हालांकि लिखते समय उन्होंने लिख दिया था कि गुस्ताखी माफ हो। इसके बाद कैलाश राव ने लिखा .. आदर्श हसबैन्ड बल्कि आदर्श जोड़ी..। पत्रकार हैं, फोटो का मिजाज भांप गए। हकीकत से वाकिफ साथी भगवान सहाय यादव ने लिखा. भाईसाहब परफेक्ट जोड़ी..जियो हजारों साल..। प्यारेलाल चावला के लिए भी इस फोटो में नया कुछ नहीं था तभी तो लिखा.. वाह गुड, रब ने बना दी जोड़ी। कमोबेश ऐसा ही कमेंट्स नीरज शेखावत का रहा है.. रब ने बना दी जोड़ी.. क्योंकि उनके लिए भी कुछ अनजाना नहीं है। हंसमुख और मजाकिया स्वभाव के साथी संदीप शर्मा यहां भी नहीं चूके.. वे लिखते हैं.. राम लक्ष्मण सी जोड़ी बनी रहे..। अरे सॉरी राम-सीता सी। साथी गोपाल शर्मा से तो कुछ छिपा ही नहीं है। वे लिखते हैं.. भगवान इस जोड़ी को जमाने की सारी खुशियां दें। बड़े भाई हैं, इसलिए छोटा होने के नाते मेरा आशीर्वाद का हक तो बनता ही है। और उन्होंने दिया भी। चौंकाने वाला कमेंट्स आया.. झाला सर का। उन्होंने शायद फेसबुक पर मुझे देखा और कमेंट्स लिखा.. महेन्द्र जी, कहां हो.खैर बाद में मैंने फोन पर उनको सारी जानकारी दी। करीब पांच साल बाद उनसे आज फेसबुक के माध्यम से सम्पर्क हुआ। भिलाई के ही साथी अनूप कुमार ने लिखा मैड फोर इच अदर.. । साथी संजय प्रताप ने एक कमेंटस क्या लिखा इसके बाद तो इन्क्वायरी करने वालों में होड़ सी लग गई। सबसे पहले तो संजय प्रताप ने ही लिखा.. सर, हू इज सी, इफ सी इज यूवर लाइफ पार्टनर देन यू आर लकी, एंड नोट देन यू आर नो वेरी वैल..। इसी तरह का सवाल मटाना गांव के साथी महेन्द्र ने पूछा..। वे कहते हैं.. भाईसाहब यह कौन है। कु़छ ऐसा ही सवाल भाईसाहब राजेन्द्रसिंह ने किया। उन्होंने लिखा.. यू नोट गिव डिटेल, हू इज सी, भाई प्लीज गिव इंट्रोडेक्शन..। साथी सतीश अग्रवाल तो कमेंट़स के रूप में किसी पेज का ही प्रचार कर गए। पेज का नाम है, दोस्तों की दुनिया में हम हैं आपके साथ तो फिर करो लाइक..। साथी सुलेमान खान शायद उक्त कमेंट्स से असंतुष्ट नजर आए। वे कोफ्त में कहते हैं.. बड़े अजीब लोग हैं, इतना भी नहीं समझते..। उनका दर्द मैं समझ गया। इसके बाद भाई लक्ष्मीकांत ने लिखा .. रब ने बना दी जोडी..। भाई पत्रकार है अनुमान लगा लिया। और अभी-अभी साथी संजय सोनी ने लिखा है। वे कहते हैं, सदा खुश रहो.. हर खुशी हो तुम्हारे लिए..। बड़े भाई हैं.. ऐसा तो कहेंगे ही। खैर इन सबके अलावा पांच दर्जन लाइक भी आए हैं। सबसे पहले तो सभी का आभार। इस प्रकार स्नेह बनाए रखने के लिए। दूसरी बात यह है कि जो इतना कहने पर भी नहीं समझे तो बता देता हूं फोटो में मेरे साथ खड़ी महिला मेरी अद्र्धांगिनी निर्मल राठौड़ है। यहां किसी दूसरी की गुंजाइश ही नहीं है। कतई नहीं, बिलकुल नहीं..। सपने में भी नहीं। यकीन करो, यह मैं डर कर नहीं.. हकीकत बता रहा हूं। डरता हूं तो सिर्फ भगवान से।
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