भिलाईनगर विधानसभा
प्रदेश के सर्वाधिक साक्षर एवं जागरूक विधानसभा क्षेत्र भिलाईनगर के साथ यह विडम्बना जुड़ी है कि इस बार चुनावी बिसात में भी वो ही चेहरे आमने-सामने हैं, जो न केवल पिछले चुनाव बल्कि बीस साल से एक-दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश करते आए हैं। आचार संहिता की सख्ती एवं मतदाताओं की चुप्पी ने प्रत्याशियों के समक्ष दुविधा खड़ी कर दी है। तभी तो राजनीति के खांटी खिलाड़ी एवं परम्परागत प्रतिद्वंद्वियों को इस बार जीत के लिए खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। मतदान में मात्र सप्ताहभर का समय शेष होने के बाद भी कोई भी जीत के प्रति आश्वत दिखाई नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं प्रत्याशियों के समर्थकों में भी बेचैनी कुछ कम नहीं। वे भी कुछ भी हो सकता है, मान कर चल रहे हैं। इन सब को देखते हुए भिलाईनगर का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प एवं कांटे की टक्कर वाला होने की उम्मीद लगाई जा रही है। भाजपा के प्रेमप्रकाश पाण्डेय लगातार छठी बार भाग्य आजमा रहे हैं तो कांग्रेस के बदरुद्दीन कुरैशी भी लगातार पांचवीं बार मैदान में हैं। पाण्डेय तीन बार जीत चुके हैं, जबकि कुरैशी दो बार। नामांकन वापसी के बाद भिलाईनगर से कुल १८ प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले चुनाव में यहां से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में वृद्धि होने के भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह के अर्थ लगाए जा रहे हैं। सांसद सरोज पाण्डेय की भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभाओं को लेकर भी लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं।
कोई नया मुद्दा नहीं
जागरूक विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशियों के पास कोई नया मुद्दा नहीं है। भाजपा के प्रेमप्रकाश पाण्डेय अपने पुराने कार्यकाल में किए गए कार्यों के सहारे की चुनावी वैतरणी पार करवाने के प्रयास में जुटे हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी कुरैशी भी श्रमिकों के सम्मान और गांधी जयंती पर प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने को ही अपनी उपलब्धि मानते हुए इससे भुनाने का उपक्रम कर रहे हैं।
जमने लगी है चुनावी रंगत
नामांकन वापसी तथा दीपोत्सव व छठ पर्व के बाद भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंगत रफ्ता-रफ्ता जमने लगी है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही प्रत्याशियों के जनसम्पर्क अभियान में यकायक गति आ गई है। नुक्कड़ नाटकों एवं गली-गली में जनसम्पर्क का सिलसिला भी परवान पर है। प्रत्याशियों के परिजनों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वैसे चुनाव का ज्यादा असर पटरीपार के खुर्सीपार इलाके में ज्यादा देखने को मिल रहा है। घर-घर भाजपा-कांग्रेस के झंडे टंगे हुए हैं। टाउनशिप में इस प्रकार का माहौल नहीं है, लेकिन प्रमुख रास्तों पर लगाए गए होर्डिंग्स आने-जाने वालों का ध्यान जरूर खींचते हैं। भाजपा प्रत्याशी की कार्ययोजना में भिलाई को विकास की दौड़ में सबसे आगे खड़ा करना और टाउनशिप को फिर से पुराना स्वरूप देने का की है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी भिलाई को शांति और अमन की राह पर ले जाने तथा गुण्डागर्दी खत्म कर लोगों में एकता स्थापित करने का सपना लिए चुनावी समर में डटे हैं।
मंच ने उतारा प्रत्याशी
चुनावों की घोषणा होने तक चुप्पी साधने के बाद छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने यहां से अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। भाजपा प्रत्याशी के खेमे में इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की जा रही है। दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है कि पिछले चुनाव में मंच ने भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार कर अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस प्रत्याशी की मदद की थी। भाजपा समर्थक मानते हैं कि इस बार मंच का उम्मीदवार खड़ा होने से नुकसान कांग्रेस को होगा। भाजपा प्रत्याशी के समर्थक इस बात को गाहे-बगाहे भुना भी रहे हैं। इधर, कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि मंच ने भले ही उम्मीदवार खड़ा कर दिया, लेकिन वह कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगा इस बात के आसार कम हैं।
बदरुद्दीन कुरैशी 52848
प्रेमप्रकाश पाण्डे 43985
जीत का अंतर 8863
साभार : पत्रिका छत्तीसगढ़ में 12 नवम्बर 13 के अंक में प्रकाशित।
प्रदेश के सर्वाधिक साक्षर एवं जागरूक विधानसभा क्षेत्र भिलाईनगर के साथ यह विडम्बना जुड़ी है कि इस बार चुनावी बिसात में भी वो ही चेहरे आमने-सामने हैं, जो न केवल पिछले चुनाव बल्कि बीस साल से एक-दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश करते आए हैं। आचार संहिता की सख्ती एवं मतदाताओं की चुप्पी ने प्रत्याशियों के समक्ष दुविधा खड़ी कर दी है। तभी तो राजनीति के खांटी खिलाड़ी एवं परम्परागत प्रतिद्वंद्वियों को इस बार जीत के लिए खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। मतदान में मात्र सप्ताहभर का समय शेष होने के बाद भी कोई भी जीत के प्रति आश्वत दिखाई नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं प्रत्याशियों के समर्थकों में भी बेचैनी कुछ कम नहीं। वे भी कुछ भी हो सकता है, मान कर चल रहे हैं। इन सब को देखते हुए भिलाईनगर का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प एवं कांटे की टक्कर वाला होने की उम्मीद लगाई जा रही है। भाजपा के प्रेमप्रकाश पाण्डेय लगातार छठी बार भाग्य आजमा रहे हैं तो कांग्रेस के बदरुद्दीन कुरैशी भी लगातार पांचवीं बार मैदान में हैं। पाण्डेय तीन बार जीत चुके हैं, जबकि कुरैशी दो बार। नामांकन वापसी के बाद भिलाईनगर से कुल १८ प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले चुनाव में यहां से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में वृद्धि होने के भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह के अर्थ लगाए जा रहे हैं। सांसद सरोज पाण्डेय की भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभाओं को लेकर भी लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं।
कोई नया मुद्दा नहीं
जागरूक विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशियों के पास कोई नया मुद्दा नहीं है। भाजपा के प्रेमप्रकाश पाण्डेय अपने पुराने कार्यकाल में किए गए कार्यों के सहारे की चुनावी वैतरणी पार करवाने के प्रयास में जुटे हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी कुरैशी भी श्रमिकों के सम्मान और गांधी जयंती पर प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने को ही अपनी उपलब्धि मानते हुए इससे भुनाने का उपक्रम कर रहे हैं।
जमने लगी है चुनावी रंगत
नामांकन वापसी तथा दीपोत्सव व छठ पर्व के बाद भिलाईनगर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंगत रफ्ता-रफ्ता जमने लगी है। मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही प्रत्याशियों के जनसम्पर्क अभियान में यकायक गति आ गई है। नुक्कड़ नाटकों एवं गली-गली में जनसम्पर्क का सिलसिला भी परवान पर है। प्रत्याशियों के परिजनों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वैसे चुनाव का ज्यादा असर पटरीपार के खुर्सीपार इलाके में ज्यादा देखने को मिल रहा है। घर-घर भाजपा-कांग्रेस के झंडे टंगे हुए हैं। टाउनशिप में इस प्रकार का माहौल नहीं है, लेकिन प्रमुख रास्तों पर लगाए गए होर्डिंग्स आने-जाने वालों का ध्यान जरूर खींचते हैं। भाजपा प्रत्याशी की कार्ययोजना में भिलाई को विकास की दौड़ में सबसे आगे खड़ा करना और टाउनशिप को फिर से पुराना स्वरूप देने का की है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी भिलाई को शांति और अमन की राह पर ले जाने तथा गुण्डागर्दी खत्म कर लोगों में एकता स्थापित करने का सपना लिए चुनावी समर में डटे हैं।
मंच ने उतारा प्रत्याशी
चुनावों की घोषणा होने तक चुप्पी साधने के बाद छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने यहां से अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। भाजपा प्रत्याशी के खेमे में इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की जा रही है। दरअसल ऐसा इसलिए हो रहा है कि पिछले चुनाव में मंच ने भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार कर अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस प्रत्याशी की मदद की थी। भाजपा समर्थक मानते हैं कि इस बार मंच का उम्मीदवार खड़ा होने से नुकसान कांग्रेस को होगा। भाजपा प्रत्याशी के समर्थक इस बात को गाहे-बगाहे भुना भी रहे हैं। इधर, कांग्रेस समर्थकों का मानना है कि मंच ने भले ही उम्मीदवार खड़ा कर दिया, लेकिन वह कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगा इस बात के आसार कम हैं।
बदरुद्दीन कुरैशी 52848
प्रेमप्रकाश पाण्डे 43985
जीत का अंतर 8863
साभार : पत्रिका छत्तीसगढ़ में 12 नवम्बर 13 के अंक में प्रकाशित।
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