भला तालाब के पानी से कभी रोग दूर हो सकते हैं? यह बात सुनने में अजीब लगे है लेकिन जिले के ढाबां झलार गांव के लोगों के लिए हकीकत है। गांव और आसपास के लोगों के लिए पड़पाटा धाम के तालाब का पानी किसी चमत्कार से कम नहीं है। गांववालों के अनुसार दैवीय चमत्कार से फटी धरती के कारण यह तालाब बना, इसलिए यह अपने आप में अनूठा है।
गांव के लोग हर माह अमावस्या को यहां आते हैं लेकिन भाद्रपद अमावस्या को यहां आस्था का सैलाब उमड़ता है। विशेषकर महिलाओं की संख्या यहां ज्यादा होती है। यहां आने वाले लोग झाडू लेकर आते हैं। इसके बाद तालाब के किनारे बैठकर हाथ-पैर धोते हैं। मान्यता है तालाब का पानी शरीर पर लगाने से चर्मरोग दूर हो जाते हैं। श्रद्धालु साथ लाई झाडू यही अर्पित करके जाते हैं। इसके बाद तालाब के ठीक सामने बने शिव मंदिर में जाते हैं। यहां अनाज एवं चावल की खिल्ली चढ़ाई जाती है। शिव मंदिर के पास श्रद्धालु गुरुद्वारे में शीश नवाते हैं। ढाबां झलार के लोगों की पड़पाटा धाम के प्रति गहरी आस्था है और हर सम्प्रदाय के लोग पड़पाटा धाम समिति से जुड़े हुए हैं। मेले में समिति के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता हर तरह की व्यवस्था बनाने में सहयोग करते हैं।
मेले में सजती हैं दुकानें
पड़पाटा धाम पर लगने वाले मेले में दुकानें भी सजने लगी है। विशेषकर इन दुकानों पर मनिहारी का सामान सस्ती दर पर सुलभ हो जाता है। इसके अलावा मनोरंजन के लिए यहां झूले भी लगने लगे हैं। इस बार तो यहां मोटरसाइकिल बिक्री की स्टॉल भी लगी थी। मेले में न केवल ढाबां झलार बल्कि आसपास के गावों के लोग भी आते हैं और दिन भर चलने वाले सत्संग का आंनद लेते हैं।
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