श्रीगंगानगर. अगर आपने 21 पॉलीथिन थैलियां एकत्रित कर उनको नष्ट कर दिया तो आपकी मनोकामना पूरी होगी। अगर थैलियों की संख्या 51 हुई तो आपका धन दुगना हो जाएगा। इतना ही नहीं अगर आपने 101 या इससे अधिक थैलियां नष्ट की तो आपको संतान की प्राप्त होगी। चौंकिए मत। यह कोई घोषणा या दावा नहीं है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए की गई एक तरह की अनूठी अपील है। हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के गोगामेड़ी में चल रहे लोकदेवता गोगाजी महाराज के मेले में इस तरह की अपील लिखे बोर्ड आपको दिखाई दे जाएंगे।
विशेष रूप से गोगाणा में इस तरह के बोर्ड ज्यादा लगे हैं। यह बोर्ड तैयार करवाए हैं गोरक्षटीला प्रन्यास (गोगाणा) के महंत रूपनाथ महाराज ने। दरअसल, यह सारी कवायद पर्यावरण और गायों पर केन्द्रित है।
बोर्ड में बकायदा यह भी लिखा गया है कि गोरक्षनाथ जी महाराज एवं गोगाजी महाराज दोनों ने ही गायों के लिए काफी कुछ किया है। इनकी पावन नगरी में पॉलीथिन न डालें क्योंकि पॉलीथिन थैलियां पर्यावरण प्रदूषण के साथ गायों की मौत का कारण बन रही हैं। विदित रहे कि गोमामेड़ी में पॉलीथिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण की वाहक बन रही इन थैलियों पर प्रशासनिक स्तर पर रोक के कोई प्रबंध नहीं हो रहे।
तैयार हो रही कपड़े की थैलियां
पर्यावरण संरक्षण को लेकर गोगाणा में एक नया काम भी शुरू किया गया है। यहां श्रद्धालुओं को कपड़े की थैली उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस काम के लिए बकायदा एक टेलर भी लगाया गया है। गोगाणा में चढ़ावे के रूप में आने वाले कपड़े से ही यह थैलियां तैयार की जा रही हैं। इन थैलियों का वितरण स्थाई रूप से दुकान चलाने वाले दुकानदारों को नि:शुल्क किया जाता है।
फिर भी धड़ल्ले से बिक रही है पॉलीथिन
इस तरह की अपील जारी करने के बावजूद गोगाणा एवं गोमामेड़ी में पॉलीथिन का इस्तेमला धड़ल्ले से हो रहा है। दुकानों पर प्रसाद पॉलीथिन में रखकर दिया जाता है। गोगामेड़ी के पास के इलाके में तो जिधर नजर फैलाओ इधर पॉलीथिन की थैलियां दिखाई देती हैं। इस संबंध में बालयोगी महंत रूपनाथ महाराज बताते हैं कि वे श्रद्धालुओं को पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने के लिए कहते भी हैं और जागरूक करने के लिए बोर्ड भी लगवाए गए हैं लेकिन जब तक प्रशासन की जब तक सख्ती नहीं होगी इस पर पर प्रभावी रूप से रोक संभव नहीं है।
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