Thursday, April 25, 2019

वल्र्ड कप में गोल्ड पर निशाना

फेस ऑफ द वीक : अपूर्वी चंदेला
पुलवामा आतंकी हमले तथा भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ऐसी खबर भी आई, जो उम्मीद जगाती है। यह खबर निशानेबाज अपूर्वी चंदेला की एक ऐसी उपलब्धि से जुड़ी है, जिसने विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। अपूर्वी ने आइएसएसएफ विश्व कप की महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। खास बात यह है कि अपूर्वी ने यह पदक पुलवामा हमले में शहीद जवानों के नाम कर दिया।
गुलाबी नगरी जयपुर में 4 जनवरी 1993 को जन्मी अपूर्वी की प्रतिभा समय के साथ और अधिक निखरती जा रही है। अपूर्वी की स्कूली शिक्षा मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल, अजमेर और महारानी गायत्री देवी गल्र्स स्कूल, जयपुर से हुई। कॉलेज शिक्षा दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से हुई है। अपूर्वी ने समाज शास्त्र ऑनर्स में डिग्री हासिल की है। 26 वर्षीया अपूर्वी को निशानेबाजी के अलावा खेलना व डांस करना भी पंसद है। वह प्रकृति प्रेमी है, विशेषकर पशु-पक्षियों से उसको खास लगाव है। 'होनहार बिरवान के होत चिकने पात' कहावत को अपूर्वी ने 19 साल की उम्र में चरितार्थ कर दिया था, जबकि 2012 में उन्होंने राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में भाग लिया और 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में सोने का तमगा जीता।
इसके बाद अपूर्वी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई रिकॉर्ड उनके खाते में जुड़ते गए। 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपूर्वी स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रही। अपूर्वी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में 2016 के रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई हुई और 51 प्रतियोगियों में क्वालिफिकेशन राउंड में 34वें स्थान पर रही। इतना ही नहीं, 2018 एशियाई खेलों में अपूर्वी ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में रवि कुमार के साथ जोड़ी बनाई और भारत को कांस्य पदक दिलाया।
अपूर्वी की ताजा उपलब्धि इसलिए बड़ी है, क्योंकि अपूर्वी ने शूटिंग वल्र्ड कप में न केवल स्वर्ण पदक जीता है, बल्कि 252.9 अंक भी हासिल किए हैं, जो विश्व रिकॉर्ड भी है। इतना ही नहीं, अंजलि भागवत के बाद अपूर्वी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला निशानेबाज भी बनी है। भागवत ने 2003 के विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था। इस तरह सोलह साल बाद भारत के खाते में यह स्वर्ण आया है। अपूर्वी से पहले यह रिकॉर्ड चीन की रुओझू झाऊ के नाम था। झाऊ ने 2018 में 252.4 अंक के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था। रुओझू झाऊ इस प्रतियोगिता में 251.8 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। उनके ही देश की झू होंग 230.4 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर 
रही।
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राजस्थान पत्रिका के संपादकीय पेज पर देश के तमाम संस्करणों में 2 मार्च 19 के अंक में प्रकाशित.। 

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