बस यूं ही
1994 में आई फिल्म हम आपके हैं कौन का वह जूते वाला गीत तो आपको याद ही होगा। आप उस दौर से गुजरे हैं तो बारातियों व दुल्हन की सहेलियों के बीच चुहलबाजी से भरा वह गीत यकीनन आपके होठों पर आ गया होगा। एक पक्ष जूते दे दो, पैसे ले लो कहता है तो दूसरा पक्ष पैसे दे दो जूते ले लो की जिद पकड़े रहता है। लब्बोलुआब यही कि जूतों के इस लेन-देन में पैसे दिए बिना काम नहीं चलेगा। पहले पैसे लिए जाएंगे तभी जूते मिलेंगे। खैर, यह गीत आज के दौर का होता तो जूते लेने या देने के पैसे कतई नहीं लगते। यह काम फ्री में हो जाता। वह भी एकदम निशुल्क। यकीन न हो वो कल उत्तरप्रदेश में हुए जूता प्रकरण को देख सकते हैं। एक ही दल के सांसद व विधायक के बीच हुई जूतम पैजार का लाइव नजारा पलक झपकते ही सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर वायरल हो गया। जुमलों के इस दौर में देश की सुरक्षा जैसे गंभीर मसले ही अछूते नहीं रहे तो भला जूता कहां से बच जाता है। जूते पर न जाने कितने ही जुमले गढ लिए गए। सर्जिकल स्ट्राइक व मेरा बूथ सबसे मजबूत भी जूते से जोड़ दिए गए। मेरा बूट सबसे मजबूत, सर्जिकल स्ट्राइक-3 टाइप। वैसे यह सोशल मीडिया का दौर है, जो किसी को बख्शता नहीं है। हालिया जूता प्रकरण पर भी कई चुटकुले व जुमले बने हैं। बानगी देखिए, सांसद के जूता कांड के बाद जूता समाज में खलबली मची। सांसदों, विधायकों, नेता मंत्रियों ने औने-पौने दामों में अपने जूते कबाडिय़ों को बेच डाले। जूता बाजार के शेयरों और बिक्री में भारी गिरावट। जूता समाज ने आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल या निर्दलीय प्रत्याशी को जूता चप्पल चुनाव चिन्ह न देने की मांग निर्वाचन आयोग से की। राजधानी के एक संभ्रांत परिवार के शादी समारोह में दूल्हे की सालियों ने जूता चुराई रस्म अदायगी न करने के फैसले पर जम कर हंगामा किया। बालीवुड ने जूता टाइटल पर फिल्म बनाने के लिए दो दर्जन फिल्म के नाम पंजीकृत किए। देश के एक नामी गिरामी वकील ने जूता को एक असरदार हथियार के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अदालत में जनहित याचिका दायर की। जूता मरम्मत करने वाले कारीगरों के चेहरे पर मुस्कान और खुशी की लहर। जूता निर्माण उद्योग पर लगे जीएसटी की के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक इस मामले में संसद के विशेष अधिवेशन के बाद करने की ठानी। विश्वविद्यालयों में अगले वर्ष के शैक्षणिक सत्र से जूता विज्ञान पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार। आदि आदि। इसी तर्ज पर एक और जुमला आया, माइक टायसन की खूबी थी कि वो 2 सेकंड में 3 घूसे मारता था। सांसद ने 4 सेकंड में 7 जूते मार कर माइक टायसन को पछाड़ दिया है। इंडिया ने दिया टोक्यो 2020 के लिए स्वर्ण पदक का नया दावेदार..। लगे हाथ इस जुमले पर भी गौर फरमाइए, मीडिया कह रही है 13 जूते मारे हैं। पार्टी अध्यक्ष ने नौ बताए और मारने वाले सांसद ने कहा, हमारा काम जूते मारने का है गिनना विधायक का। है ना देश के मौजूदा परिदृश्य पर करार तंज। बहरहाल, जूत जिसने मारे और जिसने खाए उनके मनोभाव कैसे हैं और तब कैसे रहे होंगे यह तो वो ही जानते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर विचरण करने वालों को गुदगुदाने या व्यंग्यबाण छोडऩे का मुद्दा बैठे बिठाए जरूर दे दिया है। क्रमश: ..
1994 में आई फिल्म हम आपके हैं कौन का वह जूते वाला गीत तो आपको याद ही होगा। आप उस दौर से गुजरे हैं तो बारातियों व दुल्हन की सहेलियों के बीच चुहलबाजी से भरा वह गीत यकीनन आपके होठों पर आ गया होगा। एक पक्ष जूते दे दो, पैसे ले लो कहता है तो दूसरा पक्ष पैसे दे दो जूते ले लो की जिद पकड़े रहता है। लब्बोलुआब यही कि जूतों के इस लेन-देन में पैसे दिए बिना काम नहीं चलेगा। पहले पैसे लिए जाएंगे तभी जूते मिलेंगे। खैर, यह गीत आज के दौर का होता तो जूते लेने या देने के पैसे कतई नहीं लगते। यह काम फ्री में हो जाता। वह भी एकदम निशुल्क। यकीन न हो वो कल उत्तरप्रदेश में हुए जूता प्रकरण को देख सकते हैं। एक ही दल के सांसद व विधायक के बीच हुई जूतम पैजार का लाइव नजारा पलक झपकते ही सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर वायरल हो गया। जुमलों के इस दौर में देश की सुरक्षा जैसे गंभीर मसले ही अछूते नहीं रहे तो भला जूता कहां से बच जाता है। जूते पर न जाने कितने ही जुमले गढ लिए गए। सर्जिकल स्ट्राइक व मेरा बूथ सबसे मजबूत भी जूते से जोड़ दिए गए। मेरा बूट सबसे मजबूत, सर्जिकल स्ट्राइक-3 टाइप। वैसे यह सोशल मीडिया का दौर है, जो किसी को बख्शता नहीं है। हालिया जूता प्रकरण पर भी कई चुटकुले व जुमले बने हैं। बानगी देखिए, सांसद के जूता कांड के बाद जूता समाज में खलबली मची। सांसदों, विधायकों, नेता मंत्रियों ने औने-पौने दामों में अपने जूते कबाडिय़ों को बेच डाले। जूता बाजार के शेयरों और बिक्री में भारी गिरावट। जूता समाज ने आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल या निर्दलीय प्रत्याशी को जूता चप्पल चुनाव चिन्ह न देने की मांग निर्वाचन आयोग से की। राजधानी के एक संभ्रांत परिवार के शादी समारोह में दूल्हे की सालियों ने जूता चुराई रस्म अदायगी न करने के फैसले पर जम कर हंगामा किया। बालीवुड ने जूता टाइटल पर फिल्म बनाने के लिए दो दर्जन फिल्म के नाम पंजीकृत किए। देश के एक नामी गिरामी वकील ने जूता को एक असरदार हथियार के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अदालत में जनहित याचिका दायर की। जूता मरम्मत करने वाले कारीगरों के चेहरे पर मुस्कान और खुशी की लहर। जूता निर्माण उद्योग पर लगे जीएसटी की के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक इस मामले में संसद के विशेष अधिवेशन के बाद करने की ठानी। विश्वविद्यालयों में अगले वर्ष के शैक्षणिक सत्र से जूता विज्ञान पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार। आदि आदि। इसी तर्ज पर एक और जुमला आया, माइक टायसन की खूबी थी कि वो 2 सेकंड में 3 घूसे मारता था। सांसद ने 4 सेकंड में 7 जूते मार कर माइक टायसन को पछाड़ दिया है। इंडिया ने दिया टोक्यो 2020 के लिए स्वर्ण पदक का नया दावेदार..। लगे हाथ इस जुमले पर भी गौर फरमाइए, मीडिया कह रही है 13 जूते मारे हैं। पार्टी अध्यक्ष ने नौ बताए और मारने वाले सांसद ने कहा, हमारा काम जूते मारने का है गिनना विधायक का। है ना देश के मौजूदा परिदृश्य पर करार तंज। बहरहाल, जूत जिसने मारे और जिसने खाए उनके मनोभाव कैसे हैं और तब कैसे रहे होंगे यह तो वो ही जानते हैं लेकिन सोशल मीडिया पर विचरण करने वालों को गुदगुदाने या व्यंग्यबाण छोडऩे का मुद्दा बैठे बिठाए जरूर दे दिया है। क्रमश: ..
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