दक्षिण भारत की राजनीति की कड़वी हकीकत
आंध्र प्रदेश चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस में मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। दोनों ही पार्टियां मूल रूप से परिवारवाद आधारित हैं। दोनों नेताओं के साथ इनका परिवार व रिश्तेदार चुनावी मैदान में हैं।
रण में नहीं, लेकिन प्रचार में सक्रिय
दोनों परिवारों के कुछ प्रमुख चेहरे चुनाव न लड़ प्रचार में जुटे हैं। इनमें एनटीआर के दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती, वाइएसआर की पत्नी विजयमा, पुत्री वाइएस शर्मिला एवं जगन मोहन की पत्नी भारती रेड्डी शामिल हैं।
आंध्रप्रदेश की समूची सियासत यहां के दो दिवंगत खांटी नेताओं के परिवार व रिश्तेदारों के इर्द-गिर्द ही घूमती दिखाई देती है। इन परिवारों के कमोबेश सभी सदस्य ही सियासत में रमे हैं। एक परिवार तेलुगूदेश पार्टी के संस्थापक दिवंगत एनटी रामाराव से जुड़ा है तो दूसरा कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय वाइएस राजशेखर रेड्डी से संबंधित है। मौजूदा चुनाव भी इन दो परिवारों के बीच ही लड़ा जा रहा है।
एनटीआर की पार्टी अपने उसी पुराने नाम से चल रही है जबकि कांग्रेस नेता वाइएस राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु के बाद उनके पुत्र जगन मोहन रेड्डी ने वाइएसआर कांग्रेस पार्टी के नाम से नए दल का गठन किया था। वर्तमान में तेलुगूदेशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू आध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तो वाइएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी नेता प्रतिपक्ष है। इन दोनों नेताओं के साथ इनका परिवार व रिश्तेदार भी चुनावी मैदान में हैं या सियासत से जुड़े हुए हैं।
मैदान में परिजन- रिश्तेदार
चंद्रबाबू नायडू- स्वयं सीएम, पूर्व सीएम एनटी रामाराव के दामाद। कुप्पम विधानसभा से मैदान में हैं।
नारा लोकेश- चंद्रबाबू नायडू के बेटे हैं। मंगलागिरी विधानसभा से मैदान में।
नंदूमूरि बालाकृष्ण- एनटीआर के पुत्र हैं। हिन्दुपुर विधानसभा से प्रत्याशी।
दग्गुबती पुरंदेश्वरी- एनटीआर की पुत्री। विशाखापट्टनम लोस से भाजपा उम्मीदवार।
दग्गुबाटी वेंकटेश्वरा राव- पुरंदेश्वरी के पति। परचुरू विस सीट पर वायएसआरसी प्रत्याशी।
भरत- नारा लोकेश के साढ़ू। विशाखापट्टनम लोस से टीडीपी प्रत्याशी।
वाईएस जगन मोहन रेड्डी- वाइएसआर अध्यक्ष। पुलिवेंदुला विस से मैदान में हैं।
अविनाश रेड्डी- जगन मोहन के चचेरे भाई हैं। कडापा लोकसभा से मैदान में।
अरकू में पिता-पुत्री आमने-सामने
प्रदेश में एसटी के लिए सुरक्षित अरकू लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला बाप-बेटी के बीच है। तीस साल तक कांग्रेस के साथ रहे किशोरचंद्र देव ने इस बार कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। वह अब तेलुगूदेश पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। इधर, कांग्रेस ने उनकी पुत्री श्रुतिदेवी को टिकट देकर चुनाव में उतार दिया है।
रण में नहीं, लेकिन प्रचार में सक्रिय
दोनों परिवारों के कुछ प्रमुख चेहरे चुनाव न लड़ प्रचार में जुटे हैं। इनमें एनटीआर के दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती, वाइएसआर की पत्नी विजयमा, पुत्री वाइएस शर्मिला एवं जगन मोहन की पत्नी भारती रेड्डी शामिल हैं।
आंध्रप्रदेश की समूची सियासत यहां के दो दिवंगत खांटी नेताओं के परिवार व रिश्तेदारों के इर्द-गिर्द ही घूमती दिखाई देती है। इन परिवारों के कमोबेश सभी सदस्य ही सियासत में रमे हैं। एक परिवार तेलुगूदेश पार्टी के संस्थापक दिवंगत एनटी रामाराव से जुड़ा है तो दूसरा कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय वाइएस राजशेखर रेड्डी से संबंधित है। मौजूदा चुनाव भी इन दो परिवारों के बीच ही लड़ा जा रहा है।
एनटीआर की पार्टी अपने उसी पुराने नाम से चल रही है जबकि कांग्रेस नेता वाइएस राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु के बाद उनके पुत्र जगन मोहन रेड्डी ने वाइएसआर कांग्रेस पार्टी के नाम से नए दल का गठन किया था। वर्तमान में तेलुगूदेशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू आध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तो वाइएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी नेता प्रतिपक्ष है। इन दोनों नेताओं के साथ इनका परिवार व रिश्तेदार भी चुनावी मैदान में हैं या सियासत से जुड़े हुए हैं।
मैदान में परिजन- रिश्तेदार
चंद्रबाबू नायडू- स्वयं सीएम, पूर्व सीएम एनटी रामाराव के दामाद। कुप्पम विधानसभा से मैदान में हैं।
नारा लोकेश- चंद्रबाबू नायडू के बेटे हैं। मंगलागिरी विधानसभा से मैदान में।
नंदूमूरि बालाकृष्ण- एनटीआर के पुत्र हैं। हिन्दुपुर विधानसभा से प्रत्याशी।
दग्गुबती पुरंदेश्वरी- एनटीआर की पुत्री। विशाखापट्टनम लोस से भाजपा उम्मीदवार।
दग्गुबाटी वेंकटेश्वरा राव- पुरंदेश्वरी के पति। परचुरू विस सीट पर वायएसआरसी प्रत्याशी।
भरत- नारा लोकेश के साढ़ू। विशाखापट्टनम लोस से टीडीपी प्रत्याशी।
वाईएस जगन मोहन रेड्डी- वाइएसआर अध्यक्ष। पुलिवेंदुला विस से मैदान में हैं।
अविनाश रेड्डी- जगन मोहन के चचेरे भाई हैं। कडापा लोकसभा से मैदान में।
अरकू में पिता-पुत्री आमने-सामने
प्रदेश में एसटी के लिए सुरक्षित अरकू लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला बाप-बेटी के बीच है। तीस साल तक कांग्रेस के साथ रहे किशोरचंद्र देव ने इस बार कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। वह अब तेलुगूदेश पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। इधर, कांग्रेस ने उनकी पुत्री श्रुतिदेवी को टिकट देकर चुनाव में उतार दिया है।
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11 अप्रेल 19 के अंक में...पत्रिका के तमाम संस्करणों में प्रकाशित...
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