मेरे गांव की कहानी
स्वच्छता का नारा यहां बेमानी हो जाता है। यह कहानी मेरे गांव केहरपुरा कलां की है। ग्रामीण बेहद परेशान हैं। गांव से लगातार फोन आ रहे हैं। उनकी एक ही गुहार है कि समस्या का समाधान करवाओ। स्कूल जाने वाली बच्चियों को दिक्कत हो रही है। समस्या यह है कि बालिका स्कूल जाने वाले रास्ते पर कीचड़ है। इससे बालिकाओं को आने जाने में दिक्कत हो रही है। यह कीचड़ इसीलिए भरता है क्योंकि इस रास्ते को पक्का तो कर दिया गया है लेकिन नाली नहीं छोड़ी। इस समस्या के समाधान के लिए कथित रूप से कुछ घरों के आगे सोखती कुइयां भी बनाई तो कुछ घरों को एेसे ही छोड़ दिया गया। एेसे में घरों से दैनिक उपभोग का पानी रास्ते पर आता है और बिना बरसात बारह माह यहां कीचड़ रहता है। खास बात यह है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय केहरपुरा कलां से राजकीय औषधालय भवन तक खरंजा मय नाली तो लिखा हुआ है। खरंचा तो बना है लेकिन नाली नहीं है। इस काम को ग्राम पंचायत केहरपुरा कलां ने करवाई गया है। यह वर्ष 2015-16 में बना है। इस काम के लिए स्वीकृत राशि सात लाख 95 हजार थी जिसमें सात लाख 93 हजार 651 राशि खर्च होने की जानकारी दीवार पर चस्पा की गई है। इस जानकारी पर यकीन किया जाए तो तय मानिए नाली बनने का पैसा उठ चुका है लेकिन नाली बनी नहीं है। स्कूल के अलावा आंगनबाड़ी तथा सहकारी समिति भवन भी यही सड़क जाती है।
मेरे पास इस संबंध में आधा दर्जन से ज्यादा अलग अलग लोगों के फोन आ गए। इसके बाद मैंने सरपंच से बात की तो उनका कहना था कि समस्या उनकी जानकारी में है। फिलहाल वो बिजी है। मौके पर जाकर समस्या का समाधान करवा देंगे। उनका यह भी कहना था कि आम रास्ते पर पानी न फैलाने वालों को नोटिस दिए गए थे। स्कूल जाते वक्त एक मैडम फिसल कर गिर भी गई। पुलिस भी मौके पर जाकर आई और कीचड़ करने वालों को पाबंद किया था। खैर, सरंपच का आश्वासन पाकर मैं निश्चिंत हो गया और फोन करने वालों को कह भी दिया कि आप लोग समस्या का समाधान चाहते हैं, वह हो जाएगा। सरपंच ने भरोसा दिया है। इसके बाद कुछ दिन शांति रही। लेकिन फिर से फोन, फोटो व दीवार पर लिखी जानकारी का फोटो आ रहे हैं। मैं समझ चुका था कि समस्या यथावत है अभी समाधान नहीं हुआ। मैं भी चाहता हूं कि यह काम शांतिपूर्वक हो जाए। सिर्फ गांव के ही ग्रुप में यह पोस्ट को लिखने का मेरा मकसद भी यही है कि मेरी बात सरपंच के पास एक बार फिर से पहुंचे और वो इस काम को प्राथमिकता से करवाएं। उम्मीद है वो इस पर गौर करेंगे।
स्वच्छता का नारा यहां बेमानी हो जाता है। यह कहानी मेरे गांव केहरपुरा कलां की है। ग्रामीण बेहद परेशान हैं। गांव से लगातार फोन आ रहे हैं। उनकी एक ही गुहार है कि समस्या का समाधान करवाओ। स्कूल जाने वाली बच्चियों को दिक्कत हो रही है। समस्या यह है कि बालिका स्कूल जाने वाले रास्ते पर कीचड़ है। इससे बालिकाओं को आने जाने में दिक्कत हो रही है। यह कीचड़ इसीलिए भरता है क्योंकि इस रास्ते को पक्का तो कर दिया गया है लेकिन नाली नहीं छोड़ी। इस समस्या के समाधान के लिए कथित रूप से कुछ घरों के आगे सोखती कुइयां भी बनाई तो कुछ घरों को एेसे ही छोड़ दिया गया। एेसे में घरों से दैनिक उपभोग का पानी रास्ते पर आता है और बिना बरसात बारह माह यहां कीचड़ रहता है। खास बात यह है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय केहरपुरा कलां से राजकीय औषधालय भवन तक खरंजा मय नाली तो लिखा हुआ है। खरंचा तो बना है लेकिन नाली नहीं है। इस काम को ग्राम पंचायत केहरपुरा कलां ने करवाई गया है। यह वर्ष 2015-16 में बना है। इस काम के लिए स्वीकृत राशि सात लाख 95 हजार थी जिसमें सात लाख 93 हजार 651 राशि खर्च होने की जानकारी दीवार पर चस्पा की गई है। इस जानकारी पर यकीन किया जाए तो तय मानिए नाली बनने का पैसा उठ चुका है लेकिन नाली बनी नहीं है। स्कूल के अलावा आंगनबाड़ी तथा सहकारी समिति भवन भी यही सड़क जाती है।
मेरे पास इस संबंध में आधा दर्जन से ज्यादा अलग अलग लोगों के फोन आ गए। इसके बाद मैंने सरपंच से बात की तो उनका कहना था कि समस्या उनकी जानकारी में है। फिलहाल वो बिजी है। मौके पर जाकर समस्या का समाधान करवा देंगे। उनका यह भी कहना था कि आम रास्ते पर पानी न फैलाने वालों को नोटिस दिए गए थे। स्कूल जाते वक्त एक मैडम फिसल कर गिर भी गई। पुलिस भी मौके पर जाकर आई और कीचड़ करने वालों को पाबंद किया था। खैर, सरंपच का आश्वासन पाकर मैं निश्चिंत हो गया और फोन करने वालों को कह भी दिया कि आप लोग समस्या का समाधान चाहते हैं, वह हो जाएगा। सरपंच ने भरोसा दिया है। इसके बाद कुछ दिन शांति रही। लेकिन फिर से फोन, फोटो व दीवार पर लिखी जानकारी का फोटो आ रहे हैं। मैं समझ चुका था कि समस्या यथावत है अभी समाधान नहीं हुआ। मैं भी चाहता हूं कि यह काम शांतिपूर्वक हो जाए। सिर्फ गांव के ही ग्रुप में यह पोस्ट को लिखने का मेरा मकसद भी यही है कि मेरी बात सरपंच के पास एक बार फिर से पहुंचे और वो इस काम को प्राथमिकता से करवाएं। उम्मीद है वो इस पर गौर करेंगे।
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