Monday, March 4, 2019

पाक जा रहा पानी रुके तो 30 % बढ़ जाएगा फसलों का उत्पादन

श्रीगंगानगर. आतंकी धमाके से निकली पानी की सियासत कोई नई नहीं है। पिछले तीन दशक में सतलुज और व्यास नदियों का 15 से 20 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) से ज्यादा पानी पाकिस्तान जा चुका है।
यह इतना पानी है कि इससे इंदिरा गांधी नहर को लगातार तीन साल तक चलाया जा सकता है। केन्द्र सरकार भारत के हिस्से का पानी रोकने की दिशा में गंभीरता से अमल करे तो देश के कई इलाकों की तस्वीर बदल जाएगी। अकेले राजस्थान को पाकिस्तान बहकर जाने वाले सतलुज और व्यास नदी के पानी का बीस प्रतिशत हिस्सा ही मिले तो इंदिरा गांधी नहर के साथ-साथ भाखड़ा और गंगनहर के किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की कमी नहीं रहेगी।
इस पानी का असर सीधे तौर पर खरीफ व रबी दोनों फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा। इससे फसलों का उत्पादन तीस प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
रावी पर बांध निर्माण का काम धीमा
रावी के पानी को पाक जाने से रोकने के लिए शाहपुर कंडी बांध के निर्माण का काम पंजाब और जम्मू कश्मीर के बीच विवाद और केन्द्र से पर्याप्त राशि नहीं मिलने के कारण समय पर नहीं हो पाया। इसका निर्माण होने से रावी के पाक जाने वाले पानी का उपयोग पंजाब—राजस्थान कर सकेंगे।
नहर की मरम्मत हो तो हमारे 10 जिलों को लाभ
इंदिरा गांधी नहर: 10 से 11 हजार क्यूसेक पानी मिल रहा। क्षमता 18500 क्यूसेक, क्षतिग्रस्त होने के कारण नहीं ले सकती 12 हजार क्यूसेक से अधिक पानी। पुनर्निर्माण हो और पानी पाक न जाए तो मिलने लगेगा 1000 से 2000 क्यूसेक तक अतिरिक्त पानी। राजस्थान के 10 जिलों को मिलेगा लाभ।
गंगनहर : 2000 क्यूसेक पानी मिल रहा। क्षमता 3000 क्यूसेक। फिरोजपुर फीडर नहर का पुनर्निर्माण हो और पानी पाक न जाए तो 2500 से 3000 क्यूसेक तक पानी मिलने लगेगा।
भाखड़ा नहर : 1200 क्यूसेक पानी इंदिरा गांधी नहर से मिल रहा है। इस नहर का पुनर्निर्माण हो जाए और पानी पाक जाना रुक जाए तो 400-500 क्यूसेक पानी और मिलने लगेगा।
दोनों नहरें जर्जर हालत में
30 हजार से घटकर 20 हजार क्यूसेक रह गई है जलग्रहण क्षमता।
अगर बांधों से पानी की आवक 25 से 30 हजार क्यूसेक होगी तो 5 से 10 हजार क्यूसेक पानी पाक चला जाएगा।
बरसात के दिनों में हरिके हैडवक्र्स पर पानी की आवक 50 हजार से 1 लाख क्यूसेक प्रतिदिन हो जाती है तब अथाह जल राशि पाक जाती है।
इन पर हो काम तब देश में रुकेगा पानी
1. राजस्थान फीडर और फिरोजपुर फीडर का जीर्णोद्धार।
2. हुसैनीवाला हैडवक्र्स के गेटों की मरम्मत।
3. पाक जाने वाले पानी के उपयोग के लिए नहरी तंत्र को मजबूत और नई नहरों का निर्माण।
4. रोपड़ बांध के अलावा हरिके और हुसैनीवाला हैडवक्र्स का नियंत्रण भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को
दिया जाए।
ऐसे समझिए पानी
का गणित
पिछले आठ वर्षों में हरिके हैडवक्र्स से 63 लाख 984 क्यूसेक डेज पानी पाकिस्तान जा चुका है। वर्ष 2009-10 में 16 हजार, 2011-12 में 11 लाख 30 हजार, 2011-12
में 22 लाख 8 हजार, 2012-13 में 51 हजार 500, 2013-14 में 16 लाख 27 हजार 500, वर्ष 2014-15 में 4 लाख, 2015-16 में पांच लाख तथा वर्ष 2016-17 में लगभग 8 लाख क्यूसेक डेज पानी पाकिस्तान गया।
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राजस्थान पत्रिका के 25 फरवरी 19 के अंक में राजस्थान के लगभग सभी संस्करणों में  प्रकाशित ।

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