छह दिन बड़ी व्यस्तता भरे बीते। इतनी व्यस्तता की चांद की चर्चा भी कहीं गुम हो गई। देर रात थोड़ा सा वक्त मिला तो, सोचा क्यों ना चांद की अधूरी बात को आगे बढाया जाए। हां चर्चा के इस विराम के बीच चांद से जुड़ा समाचार जरूर सुर्खियों में छाया रहा। समाचार था, चांद पर कदम रखने वाले आखिरी अंतरिक्ष यात्री यूजिन कर्नेन का निधन। वे 1972 में नासा के अपोलो17 मिशन के तहत चांद पर गए थे। वैसे चांद पर कदम रखने वाले पहले शख्स नील आर्मस्ट्रांग थे। जानकारी जुटाई तो सामने आया कि चांद पर अब तक कुल 12 लोगों ने कदम रखा है। नील आर्म स्ट्रांग, बज एल्ड्रिन, चाल्र्स पीट कोन रैड, एलन बीन, एलन शेफर्ड, एडगर मिशेल, डेविड स्कॉट, जेम्स इरविन, जन डब्ल्यू यंग, चाल्र्स ड्यूक, यूजिन कर्नेन, व हैरिसन जैक श्मिट हैं। यह सभी यात्रा 21 जुलाई 1969 से 11 दिसम्बर 1972 के बीच चांद पर गए।
खैर, चांद की इस चर्चा में गीतों का सिलसिला छूट गया। चांद वैसे धर्म एवं आस्था से भी जुड़ा है। विशेषकर करवा चौथ का चांद देखने का इंतजार बड़ी बेसब्री से किया जाता है। करवा चौथ से जुड़ा एक गीत है, ऐ काश देखूं मैं आज की रात, चांद और पिया दोनों साथ-साथ..। वैसे ईद के कई गीत भी चांद के साथ जोड़कर लिखे गए हैं। कैसी खुशी लेकर आया चांद ईद का...मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का...। चांद व ईद का एक गीत सनम बेवफा फिल्म में भी था। मुझे अल्लाह की कसम, तुझसे प्यार हो गया... बिना ईद के चांदका दीदार हो गया..। हीरो हिन्दुस्तानी फिल्म का, चांद नजर आ गया गीत कुछ इसी तरह के ही हैं। वैसे गीतकारों की कलम चांद पर ज्यादा ही चली है। न केवल हिन्दी गीत बल्कि राजस्थानी में भी कई गीत ऐसे हैं, जिनमें चांद का उल्लेख होता है। चांद से जुड़े यह सभी गीत जनमानस में लंबे समय से छाए हुए हैं। मसलन, चांद चढ्यो गिगनार.... चंदा थारै चांदणै ...चांदण रात चमक रहयो चंदा.....। इसके अलावा फागुन माह में चंग पर गाए जाने वाली धमाल, छुप जाई रै चंदा बादळ में, पिया की नजर में म्हारै काजळ मं.. तो इतना कर्णप्रिय है कि फागुन की मस्ती को दुगुना कर देता है। राजस्थानी में एक वीडियो आया है, बोल हैं, म्हारा चांद-सूरज नंदोई सा..। एक और गीत चांद पूनम को उगयो है मिलन रात आज आई है... सुनकर भी मन मयूरा नाच उठता है। चांद गीत संगीत के साथ कविता व शेरो शायरी से भी जुड़ा है। चांद पर न जाने कितने ही शेर कहे गए हैं। ....क्रमश:
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