Saturday, September 29, 2018

राजस्थान में सुरक्षित सीटों पर हुआ नोटा का सर्वाधिक इस्तेमाल

श्रीगंगानगर. एससी/एसटी कानून के विरोध में अनारक्षित वर्ग के मतदाताओं ने किसी दल की बजाय नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का अभियान चला रखा है। सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में नोटा का प्रयोग सामान्य की बजाय आरक्षित सीटों पर ज्यादा हुआ। आरक्षित वर्ग में भी एससी के बजाय एसटी सीटों पर सर्वाधिक लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। सामान्य सीटों पर नोटा का इस्तेमाल अपेक्षाकृत कम हुआ। खास बात यह भी रही कि जिन जिलों की साक्षरता दर कम है, वहां भी नोटा का इस्तेमाल ज्यादा हुआ। विदित रहे कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पिछले विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नोटा बटन का विकल्प दिया था। हाल ही में नोटा का विकल्प छात्रसंघ चुनाव में भी इस्तेमाल किया गया। 
पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 1.91 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था। नोटा का सर्वाधिक इस्तेमाल सिरोही जिले की पिंडवाड़ा विधानसभा सीट पर हुआ था। भरतपुर की कामां सीट पर सबसे कम लोगोंं ने नोटा का इस्तेमाल किया था। यहां 0.22 प्रतिशत लोगों ने क्षेत्र के किसी भी प्रत्याशी पर भरोसा नहीं जताया था।
यहां ज्यादात मतदाताआें ने खारिज किए प्रत्याशी
एसटी के 5 शीर्ष विधानसभा क्षेत्र
पिंडवाड़ा-5.75%
चौरासी-5.00%
डूंगरपुर-4.74%
आसपुर-4.53%
बागीडौरा-4.43%
एसएसी के शीर्ष 5 विधानसभा क्षेत्र
केशोरायपाटन-4.40%
रेवदर-4.34%
जालौर-3.99%
कपासन-3.39
खांडर-3.08%
सामान्य के शीर्ष पांच विधानसभा क्षेत्र
खींवसर-3.86%
बड़ीसादड़ी-3.58%
देवली-उणियारा-3.54%
भीनमाल_3.46%
आसींद-3.36%
नोटा का सबसे कम इस्तेमाल: शीर्ष पांच विधानसभा क्षेत्र
कामां-.22%
कठूमर-.43%
 नगर-.45%
 भादरा-.48%
उदपुरवाटी-.48%
आदिवासी क्षेत्र में सबसे ज्यादा
इन पांच जिलों में नोटा को ज्यादा वोट
डूंगरपुर- 4.48% 59.46%
सिरोही-3.84% 55.25%
बांसवाड़ा-3.41% 56.33%
बूंदी-3.36% 61.52%
उदयपुर-3.11% 61.82%
जहां साक्षरता ज्यादा वहां नोटा कम
और इन पांच जिलों में सबसे कम
भरतपुर-.77% 70.11%
अलवर-.78% 70.72%
झुंझुनूं -1.06% 74.13%
जैसलमैर-1.08% 57.22%
हनुमानगढ़-1.22% 67.13%
--------------------------------------------------------------------
राजस्थान पत्रिका के राज्य के तमाम संस्करणों में 26 सितंबर 18 के अंक में प्रकाशित । 

No comments:

Post a Comment