Saturday, September 29, 2018

जलोटा से जलन क्यों

बस यूं ही
जसलीन-जलोटा की जुगलबंदी ने रातोरात कई जुमले ईजाद कर दिए। जरा देखिए तो इस बेमेल जोड़ी के जलवों के प्रति किस कदर जलन का जलजला आया हुआ है। प्रेम को पाक व पवित्र जैसे शब्दों से पुकारने वालों को यकायक इस प्रकरण में पाप नजर आने लगा। सोशल मीडिया पर तो संगीत के इन साधकों को सनसनी बना दिया गया। उनकी सार्वजनिक 'साहसिक' स्वीकारोक्ति पर सवाल खड़े कर दिए गए। उम्र के उदाहरण देकर उनके आचरण पर अंगुलियां उठा दी गई। शायद इसीलिए कि वो भजन गाते हैं, इसलिए भगवान ही बने रहें? भजनों के बहाने अनूप में भगवान तलाशने वालों को यह नहीं भूलना चाहिए वो कलाकार से पहले इंसान भी हैं। महज संबंधों को सबके सामने स्वीकारने के सच को बहस का इतना बड़ा बवंडर बना दिया गया कि हर कोई नैतिकता का शिक्षक बन आचरण का पाठ पढ़ाने लगा है। मोह माया का मान मर्दन कर मर्यादा के प्रति मुखर हो रहा है। निसंदेह इस खुलेआम खुलासे के पीछे बाजार है। उसी बाजार के वजह से यह बहस है। मामला जितना चर्चित उतना हिट। अनूप पर आपत्ति इसीलिए है कि वह भजन गाते हैं। उम्रदराज हैं। तीन शादियां कर चुके हैं। लेकिन क्या यह इतना गैरकानूनी है, जो इतना गरियाया जा रहा है। प्रेम अनंत है, अथाह है। वह उम्र, जाति बंधन या क्षेत्र विशेष की सीमाओं में कैद नहीं होता। जब इस दर्शन पर यकीन है तो इस जोड़ी पर जलन क्यो? जलोटा से जलन क्यों?
उम्र के बडे़ अंतराल के बावजूद दोनों पक्ष सहमत हैं, रजामंद हैं तो फिर बहस ही बेमानी है। उम्र के अंतराल के अनगिनत किस्से इतिहास में दर्ज हैं। अतीत को टटोलेंगे तो जलोटा-जसलीन से ज्यादा हैरतअंगेज जानकारियों से रूबरू होंगे। विशेषकर फिल्मी दुनिया में उम्र का अंतराल कोई अपराध नहीं हैं। कबीर बेदी तो याद होंगे। 70 साल की उम्र में चौथा विवाह किया था, वह भी उम्र से 29 साल छोटी युवती से। मीडिया जगत के बादशाह रुपर्ट मर्डोक ने 84 साल की आयु में 25 साल छोटी युवती से शादी की। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप की तीसरी पत्नी उनकी बेटी की आयु की बताते है। प्रसिद्ध अभिनेता डिक वॅान डाइक ने खुद से 46 साल छोटी महिला से शादी से की। चर्चित मैगजीन प्लेबाय के फाउंडर डयूज हेफनर ने तो 86 में उम्र में अपने से 60 साल छोटी 26 साल की युवती से शादी की। इतना ही नहीं विश्व के संभवत सर्वाधिक आयु के जोआओ कोएल्हो 131 साल के हैं। वे ब्राजील में खुद से 62 साल छोटी पत्नी के साथ रहते हैं।
भारतीय सिनेमा में इस तरह के उदाहरणों की भरमार है।
बहरहाल, इस पोस्ट के बाद नैतिकता की दुहाई देने वाले, मर्यादा का पाठ पढ़ाने वाले, संस्कारों की नसीहत देने वालों के निशाने पर शायद मैं भी आ जाऊं लेकिन दो पक्षों की सहमति से बने संबंध गैरकानूनी नहीं होते। सामाजिक मान्यताएं अपनी जगह हैं लेकिन वो कानून से बड़ी नहीं हैं। और आपत्ति ही है तो यह बता दे कि इस प्रकरण में किसने किसको धोखा दिया और दोषी कौन है। दोषी हैं तो दोनों हैं अन्यथा कोई नहीं हैं।खैर, यह दिल का मामला है बाबू, इसकी कोई उम्र नहीं होती और ताली हमेशा दोनों हाथों से बजती आई है।

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