Saturday, July 27, 2019

कब तक लगेंगे कट



इन दिनों सोशल मीडिया पर बिजली को लेकर एक जुमला जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। मजमून कुछ इस तरह से है। कर्मचारी कहता है, सर बाहर नीम के पत्ते हिल रहे हैं। इस पर अधिकारी कहता है लाइट काट, आंधी आ गई। खैर, श्रीगंगानगर में न नीम के पत्ते हिल रहे हैं और न ही आंधी आ रही है। लेकिन बिजली फिर भी कट रही है। बिजली कटने का कोई समय निर्धारित नहीं है। यह रात को भी गुल हो जाती है और और दिन में भी। ये कट उस घोषित कटौती से अलग हैं जो विद्युत निगम शहर के किसी न किसी कोने में रखरखाव के नाम पर रोज करता है। रखरखाव कितना हुआ, कैसा हुआ यह अलग विषय है लेकिन आंधी आने पर बिजली गुल होना तो तय है। भले ही एहतियातन कटे या आंधी से नुकसान की आशंका के चलते लेकिन बिजली जाती जरूर है। खैर, बीते चौबीस घंटे में श्रीगंगानगर में आंधी, तूफान या बारिश जैसा कुछ नहीं लेकिन बिजली के असंख्य कट बदस्तूर लग रहे हैं।
निगम की ओर से बताया जा रहा है कि मौसम अनुकूल न होने के कारण बिजली की खपत लगातार हो रही है। इसी कारण लाइन ट्रिप हो रही है। जंपर उड़ रहे हैं। अब यह बिजली की खपत कैसे बढ़ती है? क्यों बढ़ती है? यह निगम के अधिकारी बखूबी जानते हैं। यकीनन वो इसका संतोषजनक जवाब भी बता देंगे लेकिन शायद यह नहीं बता पाएंगे कि खपत बढऩे में ईमानदार उपभोक्ताओं का योगदान या दोष क्या है? और अगर कोई दोष या योगदान नहीं है तो यह सिलसिला कब तक चलेगा और ईमानदार उपभोक्ता अपनी ईमानदारी की कीमत कब तक चुकाएगा। विद्युत निगम रखररखाव के नाम पर विद्युत चोरी क्यों नहीं पकड़ता? निर्धारित लोड से ज्यादा बिजली खर्च करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करता? निगम यह सब करने लग जाए तो ईमानदार उपभोक्ताओं को अपनी ईमानदारी की कीमत नहीं चुकानी पडेग़ी। ईमानदार उपभोक्ता उसकी सजा भोगे ही क्यों जो गलती उसने की ही नहीं। विद्युत निगम से कुछ छिपा नहीं है। एेसा संभव ही नहीं है कि ज्यादा लोड या बिजली चोरी का निगम को पता नहीं हो।
बहरहाल, प्रतिकूल मौसम या तकनीकी कारणों से बिजली गुल होना आम है लेकिन कट लगना व बार-बार लगना तथा गर्मी के मौसम में लगना कहीं न कहीं निगम की कार्यकुशलता को कठघरे में खड़ा करता है। उम्मीद की जानी चाहिए निगम के अधिकारी व कर्मचारी लाइन के रखरखाव के नाम पर पेड़ों की छंगाई या तार कसने तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि विद्युत चोरी करने वालों को भी चिन्हित करेंगे। विद्युत चोरी सिर्फ कुंडी डालना ही नहीं है। निर्धारित लोड से ज्यादा बिजली उपभोग करना भी तो एक तरह की चोरी ही है।
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राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण के 30 जून 19 के अंक में  प्रकाशित 

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