बस यूं ही
दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड की धमाकेदार जीत के साथ ही बारहवें विश्व के फाइनल में खेलने वाली देानों टीम तय हो गई। न्यूजीलैंड व इंग्लैंड के बीच फाइनल होगा, हालांकि दोनों टीमें फाइनल में पहले भी पहुंच चुकी है। इंग्लैंड टीम का यह चौथा फाइनल होगा जबकि न्यूजीलैंड का यह दूसरा फाइनल होगा लेकिन दोनों ही टीमें अभी विश्व विजेता का खिताब नहीं जीत पाई हैं। एेसा इसलिए हुआ क्योंकि दोनों टीमें फाइनल मुकाबलों में अलग-अलग टीमों से भिड़ी। यह पहला मौका है जब इंग्लैंड व न्यूजीलैंड की टीमें पहली बार आमने-सामने होंगी तथा यह भी पहली बार ही होगा जब इनमें से कोई विजेता होगा। और यह मौका क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में 44 साल बाद आएगा। लब्बोलुआब यह है कि आखिरकार बारहवें क्रिकेट विश्व कप में एक और नया विजेता मिलेगा। अब तक केवल पांच टीमें ही फाइनल जीत पाई हैं। न्यूजीलैंड व इंग्लैँड में जीतने वाली टीम छठी टीम होगी। विश्व कप के 11 फाइलन मुकाबलों में आस्टे्रलिया पांच, भारत व वेस्टइंडीज दो-दो बार तथा श्रीलंका व पाकिस्तान एक-एक बार जीत चुके हैं। इसी तरह 11 उपविजेताओं का विवरण देखें तो सर्वाधिक बार उपविजेता इंग्लैंड रहा है। वह फाइनल में तीन बार हारा है। 1992 में पाकिस्तान से हार के बाद इंग्लैंड टीम को सेमीफाइनल पहुंचने के लिए 27 साल इंतजार करना पड़ा है। वह न केवल सेमीफाइनल में पहुंची बल्कि गुरुवार को आस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में पहुंची है। बात उपविजेताओं की हो रही थी तो इसके बाद श्रीलंका व आस्टे्रलिया दो-दो बार उपविजेता रहे हैं। इसके अलावा भारत, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान व न्यूजीलैंड भी एक-एक बार उपविजेता रहे हैं।
बात अगर सेमीफाइनल की चार टीमों की करें तो आस्ट्रेलिया सर्वाधिक आठ बार सेमीफाइनल में पहुंची है। आस्ट्रेलिया इस विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल में हारा है। अन्यथा वह जब भी सेमीफाइनल में पहुंचा है तो फाइनल जरूर खेला। इसी तरह भारत ने सात सेमीफाइनल मुकाबले खेले लेकिन वह तीन में ही जीत पाया। चार में हार मिली। 2015 के विश्व कप में भी भारत सेमीफाइनल में हारा था। वेस्टइंडीज चार बार ही सेमीफाइनल पहुंचा है। इनमें वह तीन में जीता। इस तरह श्रीलंका चार में से तीन, पाकिस्तान छह में से दो, इंग्लैंड छह में तीन, तथा न्यूजीलैंड आठ में से एक सेमीफाइनल मुकाबला जीता। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की टीम भी चार बार सेमीफाइनल खेली है लेकिन कभी फाइनल में नहीं पहुंच पाई।
खैर, फैसले की घड़ी आ चुकी है। एक एक कर सारी टीमें हारकर बाहर होती गई। अब इंग्लैंड व न्यूजीलैंड दो से एक का फैसला होना है। लीग मैच में इंग्लैंड की टीम ने न्यूजीलैंड को हराया, इसलिए इंग्लैंड का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इसके अलावा इंग्लैंड को एक फायदा घरेलू दर्शकों का भी मिलेगा। एक संयोग भी जुड़ा है। भारत इस विश्व में सिर्फ दो ही मैच हारा, वो भी फाइनल पहुंची इन दोनों टीमों से। बहरहाल, क्रिकेट अनिश्चितताओं को खेल है। देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है। फिर भी जिस करवट बैठेगा उसके लिए यह पहला ही मौका होगा। तो इंतजार कीजिए फाइनल मुकाबले का।
दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड की धमाकेदार जीत के साथ ही बारहवें विश्व के फाइनल में खेलने वाली देानों टीम तय हो गई। न्यूजीलैंड व इंग्लैंड के बीच फाइनल होगा, हालांकि दोनों टीमें फाइनल में पहले भी पहुंच चुकी है। इंग्लैंड टीम का यह चौथा फाइनल होगा जबकि न्यूजीलैंड का यह दूसरा फाइनल होगा लेकिन दोनों ही टीमें अभी विश्व विजेता का खिताब नहीं जीत पाई हैं। एेसा इसलिए हुआ क्योंकि दोनों टीमें फाइनल मुकाबलों में अलग-अलग टीमों से भिड़ी। यह पहला मौका है जब इंग्लैंड व न्यूजीलैंड की टीमें पहली बार आमने-सामने होंगी तथा यह भी पहली बार ही होगा जब इनमें से कोई विजेता होगा। और यह मौका क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में 44 साल बाद आएगा। लब्बोलुआब यह है कि आखिरकार बारहवें क्रिकेट विश्व कप में एक और नया विजेता मिलेगा। अब तक केवल पांच टीमें ही फाइनल जीत पाई हैं। न्यूजीलैंड व इंग्लैँड में जीतने वाली टीम छठी टीम होगी। विश्व कप के 11 फाइलन मुकाबलों में आस्टे्रलिया पांच, भारत व वेस्टइंडीज दो-दो बार तथा श्रीलंका व पाकिस्तान एक-एक बार जीत चुके हैं। इसी तरह 11 उपविजेताओं का विवरण देखें तो सर्वाधिक बार उपविजेता इंग्लैंड रहा है। वह फाइनल में तीन बार हारा है। 1992 में पाकिस्तान से हार के बाद इंग्लैंड टीम को सेमीफाइनल पहुंचने के लिए 27 साल इंतजार करना पड़ा है। वह न केवल सेमीफाइनल में पहुंची बल्कि गुरुवार को आस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में पहुंची है। बात उपविजेताओं की हो रही थी तो इसके बाद श्रीलंका व आस्टे्रलिया दो-दो बार उपविजेता रहे हैं। इसके अलावा भारत, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान व न्यूजीलैंड भी एक-एक बार उपविजेता रहे हैं।
बात अगर सेमीफाइनल की चार टीमों की करें तो आस्ट्रेलिया सर्वाधिक आठ बार सेमीफाइनल में पहुंची है। आस्ट्रेलिया इस विश्व कप में पहली बार सेमीफाइनल में हारा है। अन्यथा वह जब भी सेमीफाइनल में पहुंचा है तो फाइनल जरूर खेला। इसी तरह भारत ने सात सेमीफाइनल मुकाबले खेले लेकिन वह तीन में ही जीत पाया। चार में हार मिली। 2015 के विश्व कप में भी भारत सेमीफाइनल में हारा था। वेस्टइंडीज चार बार ही सेमीफाइनल पहुंचा है। इनमें वह तीन में जीता। इस तरह श्रीलंका चार में से तीन, पाकिस्तान छह में से दो, इंग्लैंड छह में तीन, तथा न्यूजीलैंड आठ में से एक सेमीफाइनल मुकाबला जीता। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की टीम भी चार बार सेमीफाइनल खेली है लेकिन कभी फाइनल में नहीं पहुंच पाई।
खैर, फैसले की घड़ी आ चुकी है। एक एक कर सारी टीमें हारकर बाहर होती गई। अब इंग्लैंड व न्यूजीलैंड दो से एक का फैसला होना है। लीग मैच में इंग्लैंड की टीम ने न्यूजीलैंड को हराया, इसलिए इंग्लैंड का पलड़ा भारी माना जा रहा है। इसके अलावा इंग्लैंड को एक फायदा घरेलू दर्शकों का भी मिलेगा। एक संयोग भी जुड़ा है। भारत इस विश्व में सिर्फ दो ही मैच हारा, वो भी फाइनल पहुंची इन दोनों टीमों से। बहरहाल, क्रिकेट अनिश्चितताओं को खेल है। देखते हैं ऊंट किस करवट बैठता है। फिर भी जिस करवट बैठेगा उसके लिए यह पहला ही मौका होगा। तो इंतजार कीजिए फाइनल मुकाबले का।
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