Tuesday, June 11, 2019

मेरी आंध्रा यात्रा-1

लोकसभा चुनाव में ग्राउंड रिपोर्ट के लिए मेरा आंध्रप्रदेश जाना 16 मार्च को ही तय हो गया था। तभी से जेहन में कई तरह के सवालों को द्वंद्व शुरू हो गया था। मसलन, अनजाना प्रदेश। अजनबी लोग। समन्वय स्थापित करने की दिक्कत। अलग तरह का भोजन आदि आदि। जिससे भी पूछो नया व अलग ही तरह का फीडबैक। किसी से संबल मिलता तो कोई संशय पैदा करता। इन सब के बीच रोमांच व उत्साह चरम पर था लेकिन मन के किसी के कौन में अनजाना भय भी घर किए था। खैर, जाने व आने का कार्यक्रम तय किया। 24 मार्च को रात श्रीगंगानगर से रवानगी तथा 25 मार्च को दिल्ली से विशाखापट्टनम की रेल पकडऩा तथा चार अप्रेल को चैन्नई से हवाई जहाज से दिल्ली लौटने का कार्यक्रम तय हो गया। टिकट वगैरह भी करवा ली गई थी। वैसे 16 मार्च से ही आंध्र प्रदेश के बारे में अध्ययन शुरू कर दिया था। वहां के राजनीतिक परिदृश्य को समझने में हालांकि दिक्कत हुई क्योंकि वहां के अधिकतर समाचार पत्र तेलुगू में हैं। एक मात्र हिन्दी पोर्टल मिला लेकिन बताया गया कि यह तो वहां के एक स्थानीय दल विशेष का है, लिहाजा उस पोर्टल की खबरों व तथ्यों पर विश्वास करना भी संभव नहीं था। खैर, इंटरनेट के माध्यम से मैं वहां की ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकत्रित करने में जुटा था। आंध्रा जाने की निर्धारित तिथि नजदीक आ रही थी। आखिरकार 23 मार्च को छोटे बच्चे का जन्मदिन आया। रात दस बजे में कार्यालय से घर पहुंचा। केक काटा फिर भोजन बाहर खने के लिए हम रवाना हुए। होटल के पास कार के पार्क कर हम जैसे ही रोड क्रॉस कर रहे थे। अचानक गलत दिशा से पीछे से आए बुलेट मोटरसाइकिल वाले ने पीछे से जोरदार टक्कर मारी। टक्कर लगते ही मैं नीचे गिरा। गनीमत रही की दाहिने हाथ की कोहनी टिकी। मुंह या सिर के बल गिरता तो चोट ज्यादा लग सकती थी। फिर कोहनी पर चोट आई थी, जिससे खून रिसने लगा था। चोट के दर्द से मैं पसीने से नहा गया था। जन्मदिन की पार्टी का सारा मचा किरकिरा हो चुका था। कार्यालय फोन करके साथियों को बुलाया। पहले बच्चों को घर छोड़ा और फिर अस्पताल पहुंचा। दो इंजेक्शन लगाए और कोहनी पर पट्टी बांध दी गई थी। टक्कर मारने वालों ने चूंकि किसी तरह की माफी नहीं मांगी लिहाजा, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का मन रात को ही बना लिया था लेकिन सक्षम अधिकारी के थाने नहीं होने पर यह बात सुबह पर छोड़ दी गई। मैं दर्द से कराहता हुआ घर लौट आया। कोहनी पर पट्टी बंधी होने के कारण हाथ मोडऩे में बड़ी तकलीफ हो रही थी। दर्द निवारक टेबलेट के सहारे जैसे-जैसे रात बीती। क्रमश:....

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