34वीं लोककथा
हादसे में घायल महेश ने मोटरसाइकिल वाले के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था। मोटरसाइकिल वाले की गलती यह थी कि उसने महेश को गलत साइड से आकर टक्कर मारी थी और भाग गया था। महेश को चालक का नाम नहीं पता था लेकिन मोटरसाइकिल के नंबर याद थे। इसी आधार पर मामला दर्ज करवाया गया। सारी औपचारिकताएं पूरी करवाने के बाद महेश पुलिस थाने से घर लौटा ही था कि मोबाइल बज उठा। रिसीव किया तो फोन थाने से ही था। बताया गया कि हादसा कारित करने वाले युवक की पहचान कर ली गई है, आप एक बार पुलिस थाने आ जाइए। महेश फिर से थाने पहुंचा। वहां युवक व उसके परिजन बैठे थे। सभी ने याचक की भूमिका में महेश की तरफ देखा और माफ करने के लिए हाथ जोड़ दिए। तभी युवक उठा और उसने महेश के पैर पकड़ लिए और सॉरी बोल दिया। यह सब देख महेश ने उसको माफ कर दिया। तभी सामने बैठा पुलिस का हवलदार उठा और महेश को एक तरफ ले जाकर में कान में फुसफुसाया, आपको चोट लगी है, कुछ खर्चा पानी चाहिए क्या? महेश ने असहमति में सिर हिलाया लेकिन पुलिस वाले के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी। उसने अपना मुंह महेश के कान के नजदीक करते हुए सवालिया लहजे में पूछा, वो तो ठीक है आप कुछ मत लो, हम तो हमारा हिसाब कर लें? महेश पुलिस वाले की हिसाब की बात मंद-मंद मुस्काया और घर चला आया लेकिन उसके जेहन में पुलिसवाले के हिसाब की बात ही घूम रही थी।
हादसे में घायल महेश ने मोटरसाइकिल वाले के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था। मोटरसाइकिल वाले की गलती यह थी कि उसने महेश को गलत साइड से आकर टक्कर मारी थी और भाग गया था। महेश को चालक का नाम नहीं पता था लेकिन मोटरसाइकिल के नंबर याद थे। इसी आधार पर मामला दर्ज करवाया गया। सारी औपचारिकताएं पूरी करवाने के बाद महेश पुलिस थाने से घर लौटा ही था कि मोबाइल बज उठा। रिसीव किया तो फोन थाने से ही था। बताया गया कि हादसा कारित करने वाले युवक की पहचान कर ली गई है, आप एक बार पुलिस थाने आ जाइए। महेश फिर से थाने पहुंचा। वहां युवक व उसके परिजन बैठे थे। सभी ने याचक की भूमिका में महेश की तरफ देखा और माफ करने के लिए हाथ जोड़ दिए। तभी युवक उठा और उसने महेश के पैर पकड़ लिए और सॉरी बोल दिया। यह सब देख महेश ने उसको माफ कर दिया। तभी सामने बैठा पुलिस का हवलदार उठा और महेश को एक तरफ ले जाकर में कान में फुसफुसाया, आपको चोट लगी है, कुछ खर्चा पानी चाहिए क्या? महेश ने असहमति में सिर हिलाया लेकिन पुलिस वाले के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी। उसने अपना मुंह महेश के कान के नजदीक करते हुए सवालिया लहजे में पूछा, वो तो ठीक है आप कुछ मत लो, हम तो हमारा हिसाब कर लें? महेश पुलिस वाले की हिसाब की बात मंद-मंद मुस्काया और घर चला आया लेकिन उसके जेहन में पुलिसवाले के हिसाब की बात ही घूम रही थी।
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