बस यूं ही
कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करने वाले जो तर्क दे रहे हैं, उनको देखकर लगाता है, देश में कई जज पैदा हो गए हैं। बानगी देखिए, दुनिया के 199 देश पटाखे फोड़ते हैं, भारत में एेसा क्या हो गया। विदेशों में फूटते हैं तो खुशियां लाते हैं, भारत में फूटते हैं तो प्रदूषण फैलाते हैं। एक और तर्क देखिए... पटाखों का आनंद लीजिए, इससे चिकनुनिया व डेंगू के मच्छर मरेंगे। एक फोटो भी वायरल हो रखा है, जिसमें जज की भूमिका में व्यक्ति है जबकि दूसरे फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार हैं। इन दोनों के सवाल-जवाब से बात कही गई है। जज कहते हैं, पॉल्युकेशन कंट्रोल के लिए इस बार दिल्ली में पटाखे नहीं बिकेंगे। इस पर अक्षय कहते हैं, अगर आप एक दिन एक्सरसाइज कर लें तो आपका मोटापा एक दिन में कंट्रोल हो जाएगा। जज वापस पूछते हैं, एक दिन में एक्सरसाइज से मोटापा कंट्रोल में कैसे आएगा तो अक्षय पलट के पूछते हैं, तो एक दिन पटाखे ना चलाने से पॉल्युकेशन कैसे कंट्रोल आ जाएगा जनाब? इसी तरह के और कई व्यंग्य और चुटकले हैं। यह देखिए, हे सुप्रीम कोर्ट, जब सेहत के हानिकारक लिखकर शराब व सिगरेट बेच सकते हैं तो पर्यावरण के लिए हानिकारक लिखकर पटाखे क्यों नहीं? पॉलिथीन में हवा भरकर भड़ाम से फोडऩा भी बैन है क्या? बाबा रामदेव पता नहीं कहां है, मौके का फायदा उठाकर वो प्रदूषण मुक्त पतंजलि हर्बल पटाखे बाजार में उतार देते अब तक। इन सबके साथ फिल्म अनिभेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के फोटो के साथ एक मैसेज भी वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि, अगर यह पटाखे बैन का फैसला नहीं आता तो शायद अपनी समझ से कम पटाखे फोडते लेकिन अब तो दुगुने फूटेंगे। दिल पर लग गई जज साहब दिल पर। खैर, इन सब (कु) तर्कों की सूची बनाएं तो बेहद लंबी हो जाएगी। बड़ी और गंभीर बात तो यह है कि मेरे जैसा कोई कोर्ट के फैसले के स्वागत में बोल या लिख भी रहा है तो उस पर यह कथित देशभक्त इस तरह से टूट रहे हैं गोया जैसे किसी ने उन भैस खोल ली हो।
क्रमश...
कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करने वाले जो तर्क दे रहे हैं, उनको देखकर लगाता है, देश में कई जज पैदा हो गए हैं। बानगी देखिए, दुनिया के 199 देश पटाखे फोड़ते हैं, भारत में एेसा क्या हो गया। विदेशों में फूटते हैं तो खुशियां लाते हैं, भारत में फूटते हैं तो प्रदूषण फैलाते हैं। एक और तर्क देखिए... पटाखों का आनंद लीजिए, इससे चिकनुनिया व डेंगू के मच्छर मरेंगे। एक फोटो भी वायरल हो रखा है, जिसमें जज की भूमिका में व्यक्ति है जबकि दूसरे फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार हैं। इन दोनों के सवाल-जवाब से बात कही गई है। जज कहते हैं, पॉल्युकेशन कंट्रोल के लिए इस बार दिल्ली में पटाखे नहीं बिकेंगे। इस पर अक्षय कहते हैं, अगर आप एक दिन एक्सरसाइज कर लें तो आपका मोटापा एक दिन में कंट्रोल हो जाएगा। जज वापस पूछते हैं, एक दिन में एक्सरसाइज से मोटापा कंट्रोल में कैसे आएगा तो अक्षय पलट के पूछते हैं, तो एक दिन पटाखे ना चलाने से पॉल्युकेशन कैसे कंट्रोल आ जाएगा जनाब? इसी तरह के और कई व्यंग्य और चुटकले हैं। यह देखिए, हे सुप्रीम कोर्ट, जब सेहत के हानिकारक लिखकर शराब व सिगरेट बेच सकते हैं तो पर्यावरण के लिए हानिकारक लिखकर पटाखे क्यों नहीं? पॉलिथीन में हवा भरकर भड़ाम से फोडऩा भी बैन है क्या? बाबा रामदेव पता नहीं कहां है, मौके का फायदा उठाकर वो प्रदूषण मुक्त पतंजलि हर्बल पटाखे बाजार में उतार देते अब तक। इन सबके साथ फिल्म अनिभेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के फोटो के साथ एक मैसेज भी वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि, अगर यह पटाखे बैन का फैसला नहीं आता तो शायद अपनी समझ से कम पटाखे फोडते लेकिन अब तो दुगुने फूटेंगे। दिल पर लग गई जज साहब दिल पर। खैर, इन सब (कु) तर्कों की सूची बनाएं तो बेहद लंबी हो जाएगी। बड़ी और गंभीर बात तो यह है कि मेरे जैसा कोई कोर्ट के फैसले के स्वागत में बोल या लिख भी रहा है तो उस पर यह कथित देशभक्त इस तरह से टूट रहे हैं गोया जैसे किसी ने उन भैस खोल ली हो।
क्रमश...
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