श्रीगंगानगर. बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन है यह सच। डेरा सच्चा सौदा से जुड़े अनुयायियों की डेरा प्रमुख के प्रति इतनी गहरी अंधभक्ति है कि वो बाबा के कपड़ों के हाथ लगाकर आशीर्वाद लेते रहे हैं। इतना ही नहीं डेरामुखी के इस्तेमाल किए या हाथ लगाए कपड़े, साबुन, जूते आदि भी उनके अनुयायी महंगे दामों पर खरीदते रहे हैं। इनको खरीदने के लिए बकायदा बाबा के अनुयायियों में होड़ मचती रही है। श्रीगंगानगर के एक नाम चर्चाघर में भी इसी तरह की एक ड्रेस रखी हुई है। बताया जाता है कि बाबा के समर्थक इसको छूकर आशीर्वाद लेते रहे हैं। इसी नाम चर्चाघर में डेरामुखी की जूतियां, एक अन्य डे्रस व गिफ्ट इत्यादि रखे हुए हैं। दीवार पर डेरे के तीनों प्रमुखों की तस्वीर भी लगी है।
यह लिखा है ड्रेस के नीचे
श्रीगंगानगर के नाम चर्चाघर में डेरामुखी की जो डे्रस रखी है। उसके नीचे जानकारी दी गई है कि, 17 जुलाई 2011 श्रीगंगानगर ब्लॉक के गठन पर संत गुरमीत राम रहीमसिंहजी इंसा द्वारा उनके स्वयं के वस्त्र अपने कर कमलों से आशीर्वाद के रूप में सप्रेम भेंट किए गए। इस फ्रेम के ऊपर धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा लिखा हुआ है।
सिरसा डेरे से लाए गए फल, सब्जियां, जूते, चप्पल, शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट इत्यादि श्रीगंगानगर व इससे लगते पंजाब के क्षेत्र में यह कहकर बेचे जाते थे कि इन पर डेरामुखी का हाथ लगा हुआ है। बताया जाता है कि डेरा प्रेमी एक छोटी सी मिर्च के भी सौ दो सौ रुपए देने को तैयार हो जाते थे। सीजन में अमूनन 15-20 रुपए किलो बिकने वाला किन्नू चार सौ पांच सौ रुपए तक बिकता रहा है। इतना ही नहीं सिरसा से लाई सौ-सौ ग्राम घी की पैंकिंग भी काफी महंगे दामों पर बिकी। इस पैंकिंग के बारे में प्रचारित किया गया था कि यह डेरामुखी द्वारा तैयार की गई हैं।
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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण के 4 सितम्बर 17 में प्रकाशित
यह लिखा है ड्रेस के नीचे
श्रीगंगानगर के नाम चर्चाघर में डेरामुखी की जो डे्रस रखी है। उसके नीचे जानकारी दी गई है कि, 17 जुलाई 2011 श्रीगंगानगर ब्लॉक के गठन पर संत गुरमीत राम रहीमसिंहजी इंसा द्वारा उनके स्वयं के वस्त्र अपने कर कमलों से आशीर्वाद के रूप में सप्रेम भेंट किए गए। इस फ्रेम के ऊपर धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा लिखा हुआ है।
सिरसा डेरे से लाए गए फल, सब्जियां, जूते, चप्पल, शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट इत्यादि श्रीगंगानगर व इससे लगते पंजाब के क्षेत्र में यह कहकर बेचे जाते थे कि इन पर डेरामुखी का हाथ लगा हुआ है। बताया जाता है कि डेरा प्रेमी एक छोटी सी मिर्च के भी सौ दो सौ रुपए देने को तैयार हो जाते थे। सीजन में अमूनन 15-20 रुपए किलो बिकने वाला किन्नू चार सौ पांच सौ रुपए तक बिकता रहा है। इतना ही नहीं सिरसा से लाई सौ-सौ ग्राम घी की पैंकिंग भी काफी महंगे दामों पर बिकी। इस पैंकिंग के बारे में प्रचारित किया गया था कि यह डेरामुखी द्वारा तैयार की गई हैं।
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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण के 4 सितम्बर 17 में प्रकाशित
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