Tuesday, December 17, 2019

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशियों की कश्ती देवीलाल के भरोसे

सिरसा. हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार तीन दलों के कई प्रत्याशियों की नैया पूर्व प्रधानमंत्री देवीलाल के भरोसे है। किसी पार्टी प्रत्याशी ने अपने नाम के आगे देवीलाल जोड़ लिया है तो किसी ने अपने बैनर-पोस्टर आदि में खुद के फोटो के साथ देवीलाल का फोटो लगाया है। प्रचार के अंतिम दिन सिरसा व हिसार जिले के विभिन्न स्थानों का दौरा करने के बाद यह स्थिति सामने आई। सुबह करीब साढ़े दस बजे हनुमानगढ़ जिले के संगरिया कस्बे से सटे चौटाला गांव में इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला की सभा चल रही थी। अभय सिंह कहते हैं देवीलाल के नाम पर चुनाव लडऩे वाले तो बहुत हैं लेकिन देवीलाल के मार्गदर्शन पर सिर्फ उनकी पार्टी ही चल रही है। अभयसिंह, चौटाला में पार्टी प्रत्याशी डॉ.सीताराम के प्रचार में आए हुए थे। देवीलाल के बहाने उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा प्रत्याशी आदित्य चौटाला, जिन्होंने अपने नाम के आगे देवीलाल लगा रखा है, पर तंज कसा। चौटाला, अभय सिंह का पैतृक का गांव है। करीब बीस मिनट के भाषण के बाद अभयसिंह दूसरे गांव की ओर निकल पड़ते हैं। चौटाला के बाजार में मिले किसान अश्विनी सहारण कहते हैं, वर्तमान भाजपा सरकार ने किसानों का भला नहीं किया। फसलों के भाव कम हैं। खरीद का तरीका सही नहीं है। ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल के चालान होने से किसान वर्ग परेशान है। मजदूर हो, किसान हो या व्यापारी, किसी के पास पैसा नहीं है।
सहारण की बात सुन हम चौटाला से सीधे डबवाली पहुंचे। प्रचार का अंतिम दिन होने के कारण लाउड स्पीकर पर वोट मांगने का काम यहां परवान पर दिखाई दिया। डबवाली पुलिस थाने के सामने चार दलों के प्रत्याशियों ने अपने-अपने होर्डिंग्स टांग रखे थे। डबवाली में जीपों को नया लुक देने का बड़ा बाजार है। नए अंदाज में बनाई गई जीपें पंजाब के साथ-साथ देश के कई इलाकों में प्रसिद्ध हैं। डबवाली से गोरीवाला, बिज्जूवाली होते हुए हम जीवन नगर पहुंचे। यहां एक पंक्चर की दुकान पर किसान ओमप्रकाश नकोड़ा, गुरभेज सिंह हिम्मतपुर, प्रदीप सिंह व बलविंदर सिंह मिले। सभी की एक ही पीड़ा थी। सरकार खेती को बर्बाद करने पर तुली हुई है। खेती जब बचेगी ही नहीं तो खेती करेगा कौन? वो कहते हैं कि चावल की पराली जलाने पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि इसके धुएं से दिल्ली में प्रदूषण होता है। सभी ने सवाल उठाया कि पराली अगर न जलाएं तो उसको कहां रखें? बलविंदर का ट्रकों का काम है। वह बहुत गुस्से में है, कहता है कश्मीर में धारा 370 हटाने से किसे फायदा हुआ। उसके ट्रक तीन माह से खड़े हैं। काम कब मिलेगा, इसका कोई भरोसा नहीं है। प्रदीप सिंह कहता है चुनाव से पहले चावल की 1509 किस्म के भाव 28 सौ के करीब थे जो अब 24 सौ के आसपास हैं। उन्होंने कहा कि नए यातायात अधिनियम ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पंजाब व राजस्थान सरकारों ने भी तो इसे लागू नहीं किया। इस दुकान से रवाना होने के बाद हम सीधे ऐलनाबाद पहुंचे। यहां का उधमसिंह चौक बदहाल है। सडक़ खुदी होने के कारण चारों तरफ धूल ही धूल है।
ऐलनाबाद से करीब 21 किलोमीटर दूर सिरसा-ऐलनाबाद के बीच स्थित मल्लैकां कस्बे में शनिवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा थी। हम मल्लैकां पहुंचे तब तक सभा पूर्ण हो चुकी थी, लेकिन लोगों का हुजूम व गाडिय़ों का काफिला बता रहा था कि प्रधानमंत्री को देखने व सुनने काफी लोग आए थे।
यहां से हम सिरसा पहुंचे। चाय की दुकान चलाने वाले तथा मूल रूप से उत्तरप्रदेश के रहने वाले रामबरन का कहना था कि यहां कई प्रत्याशी मैदान में है, समझ नहीं आ रहा है नतीजा क्या होगा। सिरसा के सीधे आदमपुर मंडी पहुंचे। यह विधानसभा क्षेत्र हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का है। अब उनकी विरासत उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने संभाल रखी है। कस्बे के जुगलकिशोर कहते हैं कि हमारे विधानसभा क्षेत्र के साथ यह विडम्बना जुड़ी है यहां हमेशा सत्ता विरोधी प्रत्याशी ही जीतता है। पिछले 25 साल से ही ऐसा हो रहा है। इस बार भी ऐसा हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं।
इनेलो की प्रतिष्ठा दांव पर
पिछले चुनाव में सिरसा जिले में बेहतर प्रदर्शन करने वाली इनेलो की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है। इनेलो से टूटकर नई पार्टी जेजेपी बनी है। उसका नुकसान भी इनेलो को उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा भाजपा के बढ़ते प्रभाव का असर भी प्रमुख कारण बन सकता है। ऐलनाबाद में इनेलो प्रमुख अभयसिंह चौटाला कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। पिछले चुनाव में सिरसा की पांच में से चार सीट जीतने वाले इनेलो प्रत्याशियों को इस बार खासा पसीना बहाना पड़ रहा है। सिरसा में हरियाण लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा तो रानियां से उनके भाई गोविंद कांडा मैदान में है। कुल मिलाकर इस बार सिरसा जिले की पांचों सीटों पर उलटफेर होने तथा नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं। पिछले चुनाव में सिरसा जिले में भाजपा व कांग्रेस का खाता नहीं खुला था। कोई बड़ी बात नहीं है, इनमें कोई इस बार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दे। हिसार में शुक्रवार तथा शनिवार को सिरसा में हुई प्रधानमंत्री की सभाओं ने पार्टी में उत्साह का संचार किया है।
देवीलाल परिवार के छह जने मैदान में
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के परिवार से जुड़े छह लोग इस बार विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। डबवाली से भाजपा प्रत्याशी आदित्य चौटाला, देवीलाल के पौत्र हैं। यहीं से कांग्रेस प्रत्याशी अमित सियाग भी देवीलाल के परिवार से ही हैं। देवीलाल के पौत्र अभयसिंह चौटाला ऐलनाबाद से इनेलो प्रत्याशी हैं। देवीलाल के पुत्र रणजीतसिंह, रानियां विधानसभा से बतौर निर्दलीय मैदान में हैं। उचाना कलां विधानसभा से अजयसिंह चौटाला के पुत्र तथा देवीलाल के पड़पौत्र दुष्यंत जननायक जनता पार्टी से मैदान में हैं तो बाढड़़ा से दुष्यंत की मां नैना चौटाला भाग्य आजमा रही हैं। नैना इससे पहले डबवाली से तथा अभयसिंह ऐलनाबाद से इनेलो विधायक रहे हैं। इनेलो में फूट के कारण दुष्यंत ने जननायक जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी बना ली। वो और उनकी मां नई पार्टी से ही चुनाव लड़ रहे हैं।
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राजस्थान पत्रिका के 20 अक्टूबर 19 के अंक में राज्य के तमाम संस्करणों में प्रकाशित।

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