Tuesday, December 17, 2019

चौंकाएगा फैसला!

टिप्पणी
श्रीगंगानगर. नगर परिषद में सभापति मंगलवार को चुना जाएगा। फैसला किसी के पक्ष में आए लेकिन जिस हिसाब की रणनीति दोनों ही दलों ने तय की है। उससे साफ जाहिर है कि फैसला चौंकाएगा जरूर। इतिहास गवाह है। श्रीगंगानगर में चुनाव विधायक का हो या सभापति का, चौंकाता जरूर है। यह तो तय है कि सभापति किसी एक दल का बनना है लेकिन दावे दोनों तरफ से हो रहे हैं। जादुई बहुमत का आकंड़ा कैसे पाया जाएगा, इसको लेकर भी दोनों के पास बकायदा एक से बढक़र एक नायाब तर्क हैं। अपने दम पर बहुमत पाने में वैसे तो भाजपा नौ तथा कांग्रेस चौदह कदम पीछे है लेकिन मुकाबला दोनों ही दलों के प्रत्याशियों में सीधा है। दो प्रत्याशी होने के कारण मामला रोचक हो गया है। एेसे में दोनों ही दलों की नजर निर्दलीयों पार्षदों पर है और निर्दलीय की तय करेंगे कि सभापति भाजपा का बनेगा या कांग्रेस का। खैर, शह और मात का खेल दोनों ही खेमों में मतदान के बाद से जारी है। बाड़ेबंदी में शहर से दूर बैठे पार्षद मंगलवार को श्रीगंगानगर आएंगे। इसके साथ ही बाड़ेबंदी की रणनीति कितनी कारगर व कितनी सफल होगी, यह भी सामने आ जाएगा। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा दूसरी भी है। चर्चा यह है कि दोनों ही दलों को भितरघात का डर भी सता रहा है। तभी तो दोनों ही दलों के रणनीतिककार समर्थकों के नाम की घोषणा करने के बजाय संख्या बल बताने में ज्यादा यकीन कर रहे हैं। नाम गोपनीय रखना रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। श्रीगंगानगर में भितरघात का भी इतिहास रहा है और अगर हुई तो वह भी चौंकाएगी। और दोनों ही दलों में हुई तो और भी ज्यादा चौंकाएगी। देखने की बात यह है कि विधायक समर्थित पार्षदों का कांग्रेस प्रत्याशी का समर्थन का दावा भी कितना सही है। समर्थन का फैसला मूर्तरूप लेगा या सियासी पलटी मार जाएगा, यह अभी भविष्य की बात है। फिर भी विधायक समर्थित पार्षदों की भूमिका चाहे कैसी भी रहे, वह भी चौंकाएगी जरूर। प्यार व युद्ध में सब जायज की बात आजकल के सियासी माहौल पर मौजू हैं। सियासत में कब मित्र एक दूसरे के दुश्मन बन जाए और कब दुश्मन आकर गले मिल जाए कहना मुश्किल है।
कहने का तात्पर्य यही है कि सियायत में भी आजकल सब संभव है। कौन पाले में जाकर पीठ दिखा जाए और कौन पर्दे के पीछे रहकर खेल कर जाए यह भी सियासत का ही हिस्सा है। खैर, चर्चाएं अब चरम पर हैं। कल पार्षदों के मतदान तक वो परवान पर रहेंगी। इसके बाद चर्चाओं का विषय भी बदल जाएगा। श्रीगंगानगर में चुनावी फैसलों का अतीत चौंकाने वाला रहा है। कोई बड़ी बात नहीं कल मंगलवार को भी कोई चौंकाने वाला नतीजा आ जाए। लिहाजा आप चौंकने के लिए तैयार रहिए।


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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण के 26 नवंबर के अंक में  प्रकाशित .

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