Thursday, July 2, 2020

बस सुरक्षित होने का संतोष ही दे रहा है राहत

जोधपुर। 'हम सब घरों में कैद हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। बाजार व दुकानें सब बंद हैं। बसों एवं रेलों का संचालन भी प्रभावित है। हर तरफ कफ्र्यू सा लगा है। इस कारण हम काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं। रोजी रोटी का संकट बढ़ गया है। वाकई हालत खराब है। डर भी है लेकिन संतोष केवल इस बात का है कि हम सुरक्षित हैं। हमारी चिंता परिजनों को भी है लेकिन एेसे में किया भी क्या जा सकता है। तीन अप्रेल तक तो ऐसे ही रहना होगा।' यह दर्द अकेले कमल बुंदेला का नहीं वरन उन सैकड़ों राजस्थानियों का है, जो अपने वतन से दूर इटली में रोजी रोटी के लिए गए हुए हैं। झुंझुनूं जिले में बगड़ कस्बे के कमल बुंदेला इटली के नेपल्स के पास नापोली में रहते हैं। इटली में अभी कोरोना वायरस ने तांडव मचा रखा है। एतियातन लिए गए फैसलों के चलते वहां काम धंधे बुरी तरह से प्रभावित हैं। विशेषकर होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय लगभग बंद होने से अधिकतर भारतीय वहां बेरोजगार हो गए हैं। अभी यह लोग आपस में एक दूसरे से मांग कर या उधारी से काम चला रहे हैं। झुंझुनूं जिले के सुलताना कस्बे के प्रभुसिंह भी इटली में लंबे समय से काम कर रहे हैं। वो अभी छुट्टियां बीता कर फरवरी में इटली गए। उन्होंने बताया कि उनके यहां कोरोना वायरस का असर कम है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। केहरपुरा कलां गांव के सतपालसिंह भी इटली में ही हैं। उनका कहना था कि यहां मार्केट, पार्क व स्कूल सब बंद हैं। मास्क एवं दस्ताने पहनना जरूरी है।
अब फोन ही सहारा
नापोली में भारत के करीब 125 लोग कार्यरत हैं। इनमें अधिकतर झुंझुनूं के हैं। यह लोग छुट्टी के दिन पार्क में एकत्रित होते और एक दूसरे का हाल जानते हैं। कोरोना वायरस के चलते अब सबका मिलना जुलना बंद है। केवल फोन पर ही एक दूसरे का हाल जानते हैं। एक मोटे अनुमान के तौर पर इटली में अकेले झुंझुनूं जिले से एक हजार से ऊपर लोग काम करते हैं। इनमें झुंझुनूं, बगड़, चिड़ावा, सूरजगढ़, सिंघाना, इक्तावरपुरा आदि के काफी युवा वहां काम करते हैं। हरियाणा के लोहारू, चूरू के राजगढ़ व सुजानगढ़ व नागौर जिले के भी काफी युवा इटली में हैं।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
कोरोना से बचाव के लिए इटली में कड़े प्रबंध किए गए हैं। लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। कोरोना के मरीज उत्तरी इटली में ज्यादा है। दक्षिणी इटली मंे इसका प्रभाव कम है। एहतियात शुरू में नहीं बरती गई, इस कारण इसका फैलाव ज्यादा हुआ। अब तो कदम-कदम पर सुरक्षा बरती जा रही है। जरूरी सामान की दुकानें कुछ समय के लिए खुलती हैं। व्यवस्था के लिए यहां पुलिस तैनात है जो कि दुकानों पर सबको कतार से खड़ा करवाती है। किसी को बाहर जाना होता है एक फार्म भरना होता है, जिसमें घर से बाहर जाने की वजह लिखनी होती है। गलत जानकारी भरने पर जुर्माने व जेल का प्रावधान है।
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
राजस्थान पत्रिका के बीस मार्च के अंक में जयपुर, जोधपुर सहित प्रदेश के अधिकतर सिटी संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित 

No comments:

Post a Comment