Thursday, July 2, 2020

जूते

लघु कथा
अरे बच्चों! तुमको पता नहीं है क्या ? यह कम्प्यूटर लैब है। आपको यहां किस तरह से आना चाहिए। क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए। जाओ वापस जाओ और जूते बाहर निकाल कर.आओ। देखो तुम्हारे जूतों से यहां कितनी धूल आ गई है। एक ही सांस में मैडम यह सब बोल गई थी। मैडम की घुड़की का असर यह हुआ कि बच्चे जितनी फुर्ती से लैब में घुसे थे उससे कहीं तेज गति से वापस घूमे और लैब के प्रवेश द्वार पर जाकर जूते निकालने लगे। मैं यह समूचा घटनाक्रम देखकर हतप्रभ था। बच्चों को डांटने व नसीहत देने वाली मैडम खुद अपनी सीट पर जूते पहने बैठी थी।

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