Thursday, July 2, 2020

मैं चौंका, फिर हंसा

बस यूं
शाम को कार्यालय में बैठे बैठे ही मैंने ओला की बाइक बुक करवाई। करीब दस मिनट बाद बाइक वाला आफिस के बाहर आ गया और मुझे कॉल किया। बाहर आकर मैं उसके साथ चल पड़ा अपने ठिकाने की ओर। श्रीगंगानगर से जोधपुर आने के बाद अभी अस्थायी ठिकाना ससुराल में है, हालांकि मकान देख लिया है लेकिन सपरिवार शिफ्ट जनवरी के आखिर सप्ताह तक होना है। खैर, बाइक सवार मुझे पावटा बी रोड की बजाय सी रोड से लेकर आया। बी और सी दोनों रोड पर ही अंडर ब्रिज बने हैं। ऊपर से रेलवे ट्रेक गुजरता है। मैं जब उधर से गुजर रहा था तो देखा बहुत सारे दुपहिया व चौपहिया वाहन वहां रुके थे। हालांकि कुछ वाहन निकल भी रहे थे। मै यह नजारा देख कर चौंका। यह सब पहली बार देखकर चौंकना.लाजिमी भी था। समझ नहीं आया कि यह वाहन चालक रुके हुए क्यों हैं। कई तरह के सवाल भी जेहन में आए। खुद ही जवाब खोजने में लगा रहा लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया। अक्सर फाटक पर वाहन चालक, रेल गुजरने का इंतजार इसलिए करते ह़ै ताकि फाटक खुले और वो वहां से निकले, लेकिन यहां न तो कोई फाटक था और न ही रास्ता बंद, फिर वाहन चालक रुके थे। मैं इसी सोच में डूबा था और ट्रेन.के डिब्बे एक एक करके आंखों के आगे से निकल रहे थे। ट्रेन गुजरने के बाद रुके हुए सभी वाहन चालक अंडरब्रिज के नीचे से गुजरे।
चूंकि मेरी जिज्ञासा अब चरम पर पहुंच चुकी थी, तो मैंने बाइक सवार से ही वजह पूछ ली। मैंने सवाल में ही सवाल दागा कि चलती ट्रेन के नीचे से न निकलने के पीछे कोई धार्मिक कारण है क्या? बाइक सवार थोड़ा हंसा और फिर बोला, सर ऐसी बात नहीं.है , दरअसल ट्रेन में लोग पानी, टॉयलेट शौच आदि करते हैं। वह नीचे से गुजरने वाले वाहनों पर गिरता है। इससे उनके कपड़े आदि खराब हो जाते हैं। मुझे कारण समझ आ गया था। मैं मंद ही मंद मुस्कुराया। तब तक मेरा स्टेंड भी आ गया था लेकिन बाइक सवार मेरी बातों से इतना प्रभावित हुआ और बोला सर आपको तो घर तक ही छोड़ कर आता हूं...वह फिर बोला, अक्सर इस तरह की मदद करता रहता हूं। मैंने कहा, यह अच्छी आदत है, इसे बनाए रखो। बातें जारी थी लेकिन ससुरजी का घर आ गया था, मैंने उसे 32 रुपए दिए...वह.मुस्कुराया और.बोला सर रेटिंग में फाइव स्टार दे देना। मैंने उसको फाइव स्टार दिए और गेट की तरफ बढ गया।

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