Thursday, July 2, 2020

बालहठ छोड़ बच्चे भी दिखा रहे बड़ों सी समझदारी!

खबर
लॉकडाउन की भेंट चढ़े जन्मदिन, सादगी से घर में ही मना रहे
जोधपुर। लॉकडाउन के चलते जहां समूचा विश्व ठहरा है, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दीन-दुनिया से बेखबर बच्चे भी बड़ों सी समझदारी दिखा रहे हैं। वे परिजनों से अब जिद नहीं.कर रहे। वे न केवल परिजनों का कहना मान रहे हैं बल्कि उनकी हां में हां भी मिला रहे हैं। लॉकडाउन के विकट हालात ने बच्चों को भी 'समझदार' बना दिया है। या यूं कहें कि बालहठ भी लॉकडाउन के चलते बेमानी हो चली है। यह कहानी विशेषकर उन बच्चों की है जो हर साल जन्मदिन पर आकर्षक गिफ्ट की मांग करते हैं या कहीं बाहर होटल में जाकर पार्टी करने की जिद करते हैं। लेकिन इस बार उनके जन्मदिन लॉकडाउन की भेंट चढ़ गए। दोस्तों से मिलना-जुलना तो दूर उन्होंने जन्मदिन की बधाई भी फोन पर स्वीकार करके संतोष किया। पखवाड़े भर से बच्चे घरों में ही कैद हैं। बच्चों का जन्मदिन ठीक से न मना पाने का मलाल परिजनों को भी है लेकिन बच्चों की समझदारी भरी भूमिका देखकर वो बेहद खुश भी हैं।
वाटर पार्क जाना था लेकिन...
जोधपुर की बीएजेएस कॉलोनी के रहने वाले तेरह वर्षीय एकलव्य का जन्मदिन 23 मार्च को था। उसने जन्मदिन पर वाटर पार्क जाने तथा दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने का प्लान बनाया था। लॉकडाउन के चलते उसके अरमान ठंडे हो गए। मम्मी ने घर पर ही पाव भाजी बना दी, उसी को खाकर जन्मदिन मना लिया। दोस्तों ने भी फोन पर ही विश किया।
न दोस्त आए न होटल जा पाए
श्रीगंगानगर के जश्नदीप का जन्मदिन 29 मार्च को था। सातवीं के छात्र जश्नदीप ने इस बार जन्मदिन पर होटल जाकर दोस्तों के साथ पार्टी करने का प्लान बनाया था लेकिन लॉकडाउन के कारण उसका सपना पूरा नहीं हो सका। दोस्त भी घर पर नहीं आए। मम्मी ने समोसे और इडली बनाकर दिए और उसने परिजनों के साथ ही जन्मदिन मनाया।
पकोड़े खाकर किया संतोष
जोधपुर की बीएजेएस कॉलोनी के भरत का जन्मदिन भी लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया। छठी कक्षा के छात्र भरत ने घर पर सभी दोस्तों को बुलाकर 29 मार्च को जन्मदिन की पार्टी करने की सोच रखी थी, लेकिन वह लॉकडाउन के चलते एेसा कर नहीं पाया। अंतत: मम्मी ने पकोड़े बनाए और परिजनों के साथ ही जन्मदिन मनाया।
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राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण में 05 अप्रेल 20 को प्रकाशित 

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