Thursday, July 2, 2020

सरकारी धन का दुरुपयोग!

शहर में सौन्दर्यीकरण के काम करवाने का फैसला लगता है कि नगर विकास न्यास के अधिकारी अपने स्तर पर और मनमर्जी से तय करते हैं। इन कामों का शहर व जनता को फायदा होगा या नहीं, इसका भी ख्याल नहीं रखा जाता।
न्यास की ओर से हाल ही करवाए गए कई कामों को देखकर तो ऐसा ही लगता है। बात चाहे शिव चौक से जिला अस्पताल तक सर्विस रोड बनाने की हो या इसी मार्ग पर बने डिवाइडर पर रेलिंग लगाने की। इन दोनों कामों में सिवाय सरकारी पैसे के दुरुपयोग के अलावा कुछ नहीं हुआ और पैसे लगाने का मकसद भी सफल नहीं हो पाया। सरकारी पैसे का ऐसा ही दुरुपयोग अब सूरतगढ़ रोड से वृद्धाश्रम रोड पर हो रहा है। वहां पिछले साल बनाए गए डिवाइडर को तोडक़र रेलिंग लगाई जा रही है। न्यास के अधिकारियों को डिवाइडर बनाते वक्त रेलिंग लगाने का ख्याल नहीं आया। इससे समझा जा सकता है कि न्यास में ऐसे अधिकारी बैठे हैं, जो एक साल आगे तक की सोच भी नहीं रखते। इस काम से सौन्दर्यीकरण कैसा होगा मतलब वह कैसा दिखाई देगा, इसका भी कोई दावा नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि शिव चौक पर लगी आधी अधूरी रेलिंग आज भी न्यास की कार्यकुशलता पर सवाल उठा रही है।
भले ही इस मामले में जिला कलक्टर फीडबैक लेने या जांच करवाने की बात कहें लेकिन नगर परिषद व नगर विकास न्यास की कारगुजारियों से वो अनजान हों, ऐसा संभव नहीं है। शिव चौक से जिला अस्पताल के मार्ग पर हर साल सडक़ पर लगने वाला तिब्बती मार्केट, प्रत्येक संडे को वाहनों की बिक्री, सडक़ पर रेत और बजरी का खुलेआम कारोबार तथा इसी मार्ग पर ट्रक व ट्रैक्टरों की अवैध पार्र्किंग उनको दिखाई नहीं देती। जांच करवाना है या फीडबैक लेना है तो इस काम में गंभीरता बरती जानी चाहिए। अगर औपचारिकता के लिए ही जांच करनी है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं। जिला कलक्टर की तरफ से संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच कड़ा संदेश जाना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि इस तरह के अव्यवहारिक व अदूरर्शिता से भरे काम न हों।
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राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण में तीन मार्च के अंक में प्रकाशित....

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