Tuesday, November 14, 2017

ये निरीक्षण हैं किसके लिए

टिप्पणी 
श्रीगंगानगर में आजकल निरीक्षण का काम बहुत हो रहा है। कभी विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति जांची जा रही है तो कभी विद्यालयों में पोषाहार का निरीक्षण हो रहा है। जिला अस्पताल तो निरीक्षण की स्थायी जगह बन चुका है। यहां कमोबेश हर सप्ताह व्यववस्थाओं का जायजा लिया जाता है। निरीक्षण के दौरान मिलने वाले अनियमितताएं बाकायदा समाचार पत्रों की सुर्खियां भी बनती हैं। वैसे इन निरीक्षणों का मोटे तौर पर मकसद यही होता है कि इस बहाने एक तो विभाग की अंदरूनी व्यवस्थाएं जांच ली जाती हैं, दूसरा लापरवाह कार्मिकों में कार्रवाई का भय रहता है। सार के रूप में कह सकते हैं कि इन निरीक्षणों का उद्देश्य व्यवस्थाओं में जो खामियां हैं, उनमें सुधार करना या करवाना होता है। खैर, इतनी कवायद के बावजूद हालात जस के तस हों, मसलन न व्यवस्थाएं सुधरें और न ही लापरवाह कार्मिकों में भय दिखाई दे तो यह निरीक्षण महज रस्मी नजर आते हैं। इनसे गंभीरता गायब हो जाती है।
कुछ उदाहरण हैं जो यह साबित करते हैं कि इन निरीक्षणों से गंभीरता गायब हो रही है। श्रीगंगानगर एसडीएम लगातार अस्पताल का निरीक्षण कर रह ेहैं लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार कैसा व कितना हुआ है, यह सबके सामने हैं। इसी तरह जिला प्रशासन भी निरीक्षण करके विभिन्न विभागों में कार्मिकों की उपस्थिति जांच रहा है, लेकिन कार्मिकों के अनुपस्थित मिलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इनकी संख्या में किसी तरह की कमी नहीं आई हुई दिखाई नहीं देती। इधर नगर परिषद में भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। खुद सभापति भी इस तरह के निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन हालात बदले हुए नजर नहीं आते हैं।
बहरहाल, निरीक्षण केवल विभागीय काम का ही हिस्सा है तो भले ही चलता रहे लेकिन यह सारी कवायद अगर व्यवस्थाओं में सुधार कर आमजन को राहत देने के लिए है तो फिर कार्रवाई भी रस्मी नहीं होनी चाहिए। जब तक लापरवाही कार्मिकों में कार्रवाई का भय नहीं होगा उनकी लेटलतीफी दूर नहीं होगी। व्यवस्था में भी सुधार तभी होगा जब जिम्मेदारों कार्रवाई का डंडा चले। क्योंकि, इस तरह के निरीक्षणों की सार्थकता तभी है जब व्यवस्थाओं में सुधार हो और वह दिखाई भी दे। यह महज सुर्खियों बटोरने या तात्कालिक वाहवाही के लिए ही है तो अधिकारियों को इस तरह के निरीक्षणों से बचना चाहिए।
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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण के 5 अगस्त 17 के अंक में प्रकाशित 

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