Tuesday, November 14, 2017

सकारात्मक सोच से संवरी गांव की सूरत


श्रीगंगानगर. 'मान लो हार है और ठान लो तो जीत है। जीवन के फलसफे से जुड़ी इस कहावत को चरितार्थ करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। जिले की पदमपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत घमूड़वाली के सरंपच राजाराम जाखड़ भी अच्छा करने की ठानने वाले विरले शख्सों में शामिल हैं। उनकी सकारात्मक सोच का ही नजीता है कि साफ-सफाई, स्वच्छता व हरियाली के मामले में घमूड़वाली न केवल जिले बल्कि समूचे बीकानेर संभाग में अपनी धमक रखता है। स्वच्छता के मामले में इस ग्राम पंचायत को पिछले दिनों संभाग स्तर पर सम्मानित भी किया गया।
घमूड़वाली ग्राम पंचायत का कार्यालय अपने आप में अनूठा है। बाहर से देखने पर यहां हरियाली दिखाई देगी। कार्यालय परिसर में ही बड़ा पार्क है, जिसमें छायादार पेड़ व मखमली दूब है। बैठने की व्यवस्था है तो शाम को फव्वारे भी चलते हैं। लोग यहां सुबह-शाम घूमने आते हैं। कार्यालय के भीतर का नजारा तो किसी कॉरपोरेट ऑफिस से कम नहीं। समूचा कक्ष वातानुकूलित है। बिजली गुल होने पर सोलर ऊर्जा से आपूर्ति होती है। बैठकें, प्रशिक्षण व कार्यशाला आदि के लिए फर्नीचरयुक्त बड़ा हॉल भी है। इतना ही नहीं है मेहमान के लिए रेस्ट हाउस है। इसमें डबल बैड, एसी, टीवी व अटैच लेट-बाथ है। शीघ्र ही पंचायत भवन में पुस्तकालय भी शुरू होने वाला है।
गांव के 80 प्रतिशत रास्ते पक्के
घमूड़वाली गांव के करीब 80 प्रतिशत रास्ते पक्के हैं। चौक हो या रास्ता सभी जगह इंटरलोकिंग की गई है। गांव में नाली नहीं है। इसके लिए घरों के आगे सोखते गड्ढे (कुइयां) बना दी गई हैं। गांव से गुजरने वाले रास्ते पर फुलवारी लगाकर रैलिंग लगाई गई है। गांव में मॉडल तालाब भी बनाया गया है। वहीं, गांव का मुक्तिधाम भी हरा-भरा है। वहां भी सौन्दर्यीकरण किया गया है।
पिताजी ने नहीं करने दी नौकरी
जाखड़ घमूड़वाली ग्राम पंचायत के दूसरी बार सरपंच बने हैं। इससे पहले 2005 से 2010 तक भी वे सरपंच रहे। इससे पहले वे जिला परिषद सदस्य तथा क्रय-विक्रय सहकारी समिति रिडमलसर के चैयरमैन रहे। राजाराम ने 1982 में अजमेर के राजकीय महाविद्यालय से एमए की लेकिन उनके पिता ने नौकरी नहीं करने दी। इसके बाद राजाराम ने राजनीति को ही सेवा का माध्यम बनाया। शेष रहे कार्यकाल में सरपंच की प्राथमिकताओं में इंटरलोकिंग का अधूरा काम पूरा करवाना, स्कूल भवन का जीर्णोद्धार, स्ट्रीट लाइट तथा सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ बनाना है।
शुद्ध पानी के लिए यूरो सिस्टम
ग्रामीणों को शुद्ध व स्वच्छ पानी मिले, इसके लिए पंचायत कार्यालय में एक लाख रुपए की लागत से यूरो सिस्टम लगाया गया है। इसकी क्षमता चार हजार लीटर है। इसके लिए दो टंकियां रखी गई हैं। नहर का पानी यहां डिग्गी में आता है। डिग्गी से पानी फिल्टर करने के बाद टंकियों में डाला जाता है।
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ाजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण के 24 अगस्त 17 के अंक में प्रकाशित

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