अक्सर कहते सुना है लोगों से,
वक्त सदा एक सा नहीं रहता।
वक्त बदलता रहता है,
नित नए रंग में ढलता है।
लेकिन मैं इस बात से,
कतई इतेफाक नहीं रखता,
वक्त भला कभी बदला है?
वह तो सदा एकसा ही रहता है,
बदलती है हमारी सोच,
बदलता है हमारा व्यवहार,
बदलती है हमारी दिनचर्या,
बदलता है हमारा मिजाज,
बदलती है हमारी रूचियां,
बदलता है हमारा शौक,
हम चुपके से बदलते हैं,
अंदर ही अंदर बदलते हैं,
वक्त का करके बहाना,
सच में हम ही बदल जाते हैं।
वक्त तो जैसा कल था
वैसा ही आज है
और कल भी वैसा ही रहेगा
क्योंकि वक्त नहीं बदलता
हम ही बदल जाते हैं।
----सोमवार रात 11.48 बजे
वक्त सदा एक सा नहीं रहता।
वक्त बदलता रहता है,
नित नए रंग में ढलता है।
लेकिन मैं इस बात से,
कतई इतेफाक नहीं रखता,
वक्त भला कभी बदला है?
वह तो सदा एकसा ही रहता है,
बदलती है हमारी सोच,
बदलता है हमारा व्यवहार,
बदलती है हमारी दिनचर्या,
बदलता है हमारा मिजाज,
बदलती है हमारी रूचियां,
बदलता है हमारा शौक,
हम चुपके से बदलते हैं,
अंदर ही अंदर बदलते हैं,
वक्त का करके बहाना,
सच में हम ही बदल जाते हैं।
वक्त तो जैसा कल था
वैसा ही आज है
और कल भी वैसा ही रहेगा
क्योंकि वक्त नहीं बदलता
हम ही बदल जाते हैं।
----सोमवार रात 11.48 बजे
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