Wednesday, December 28, 2016

भोलापन

मेरी 16वीं कहानी

उसके घर पर दो मोबाइल थे। एक पत्नी के पास जबकि दूसरा नंबर उसके माता-पिता के पास। माता-पिता का नम्बर उसकी फोन बुक में होम के नाम से सेव था जबकि पत्नी वाला नम्बर होम-2 के नाम से। एक दिन वह नई सिम लेकर आया। माह भर होने का आया। आखिरकार एक दिन, नए नंबरों की सुध ले ली गई। अरे सुनो तो, आपने जो नया नंबर लिया है वो बताना तो। पत्नी ने जब यह सवाल किया तो पति चौंक गया। उसने कहा, तुम भी गजब हो कितने दिन हो गए नंबर लिए और तुमको पता ही नहीं है। पत्नी बोली, आपने दिया ही कब था? और हां नए नंबरों के बारे में अपने परिचितों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को भी बता दो। बेफिक्र होते हुए पति ने जवाब दिया, अभी तो ऑफिस वाले से काम चल रहा है जब जरूरत पड़ेगी, तब बता देंगे। खैर, पति ने पत्नी के मोबाइल पर मिस्ड कॉल दी और पत्नी ने उसे सेव कर लिया। थोड़ी देर बाद पत्नी बोली देखो मैंने आपका नंबर सेव कर लिया। पति ने जिज्ञासा से पूछा तो पत्नी से झट से मोबाइल आगे कर दिया। मोबाइल की स्क्रीन पर पतिदेव-2 डिस्पले हो रहा था। नाम देखकर वह मुस्कुराया और पत्नी से कहा जानती हो क्या लिखा है? पत्नी खामोश, लेकिन थोड़ी देर बाद जोर से ठहाका लगाकर हंस पड़ी। फिर तो दोनों हंस रहे थे, पर दोनों की हंसी के अर्थ अलग थे।

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