Monday, August 17, 2020

दोहरी खुशी!

टिप्पणी 

उत्सवधर्मिता के मामले में बीकानेर का कोई सानी नहीं है। मौका शहर के स्थापना दिवस का हो तो भला बीकानेरी कहां चूकते। भले ही मौसम प्रतिकूल हो या विपरीत हालात, बीकानेरी कभी किसी की परवाह नहीं करते हैं। तभी तो उनका मस्तमौला व खिलंदड स्वभाव तथा हर हाल में खुश रखने का शगल हर मुश्किल को आसान बना देता है। कोरोना वायरस के चलते एहितयातन उठाए गए कदमों के कारण बीकानेर के लोगों ने न जाने कितनी ही नसीहतों की पालना की। कितनी ही पाबंदियां को स्वीकार किया। बीकानेरी लोगों का यह बिंदास और मस्तमौला व्यवहार ही तो उनको सबसे अलग करता है। भले ही रोक थी लेकिन पतंग उडाकर अपनी खुशी का इजहार करने वाले नहीं चूृके। एेसे संकट के समय में जहां लोगों को ठीक से दो जून की रोटी नसीब नहीं वहां शहवासियों ने अपनी बरसों पुरानी परंपरा का निर्वहन बखूबी किया। सभी ने अपने घर खीचड़ा, इमलाणी ओर बड़ी सब्जी न केवल भोजन किया बल्कि जरूरतमंदों में इसका वितरण भी किया। सेवा भावना की एेसी जीगी जागती नजीर से ही तो बीकानेर में इंसानियत एवं मानवता के साक्षात दर्शन होते हैं। जरूरतमंदों को मदद करने में जिस तरह शहर में सद्भाव का माहौल बना है, गंगा-जमुनी संस्कृति को कदम दर कदम महसूस किया जा रहा है, देखा जा रहा है, वह वाकई प्रेरणादायी है, प्रशंसनीय है।
सहज ही सोचा और समझा जा सकता है कि सद्भाव से रचे बचे बीकानेर के लिए स्थापना की खुशी क्या मायने रखती हैं। स्थापना दिवस की खुशी मनाने का दौर जारी ही था कि बीकानेर के कोरोना योद्धाओं ने देर शाम एक एेसी खुशखबरी सुना दी, जिसको सुनकर हर बीकानेर खुशी से उछल पडा। उसके चेहरे पर सुकून भरी मुस्कान दौड़ गई। इतना ही नहीं हर एक शहरवासी ने अपनी खुशी का इजहार खुद तक सीमित न रखकर उसे सबके साथ साझा किया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वैश्विक महामारी कोरोना के भय से खौफजदा लोगों के बीच यह राहत भरी खबर किसी त्योहार से कम नहीं। देखा जाए तो इस दोहरी खुशी में छोटा-बड़ा सबका योगदान जुडा है। आम आदमी, पुलिस, प्रशासन व चिकित्साकर्मी सभी कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से मुकाबला करने में जुटे रहे। अब हम सभी बीकानेरवासियों को यह कोशिश करनी चाहिए कि यह खुशी क्षणिक न रहे, यह लंबे समय तक रहे, इसलिए स्थापना दिवस के मौके पर हम सभी संकल्प लें कि कोरोना से सुरक्षा एवं बचाव के लिए जो मापदंड बताए गए हैं, उनकी हम सभी पालना करेंगे। सोचिए आज की खुशी कितना सुकून दे रही है। कुछ और दिन की सावधानी से अगर यह स्थायी होती है तो खुशी का दायरा कितना बड़ा होगा। खुशी स्थायी रहे, इसके लिए हर बीकानेरी को संकल्प लेना होगा, सावधान व सावचेत रहना होगा। सुरक्षा व्यवस्था की ईमानदारी से पालना करनी होगी। कुछ कर ठान लेने का जुनून पालने वाले शहर में एेसा करना भी कोई बड़ी मुश्किल बात नहीं।
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राजस्थान पत्रिका के बीकानेर संस्करण के 27 अप्रेल 20 के अंक में प्रकाशित।

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