Monday, August 17, 2020

हमें मिले पूरा पानी

टिप्पणी

भला यह कहां का न्याय है कि हम हमारे हिस्से का पानी सहेजने के बजाय उसे व्यर्थ बहा दें या उसको पड़ोसी मुल्क ही सरहद में चुपचाप ही चले जाने दें। खास बात तो यह है कि हर बार चुनाव में यह पानी मुद्दा बनता है। इस पानी को रोकने के बड़े-बड़े दावे होते हैं लेकिन चुनाव होने के बाद दावों को दम निकल जाता है और पानी अनवरत बहता रहता है। या यूं कहें कि बहाया जाता है। दरअसल, हमारे बांधों की पानी संग्रह करने की निर्धारित क्षमता है। इससे ज्यादा पानी उनमें संग्रह नहीं हो सकता। इस बार भाखड़ा बांध के जल ग्रहण क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हुई है। जून के अंत में बर्फ पिघलने के साथ ही मानसून सक्रिय होने पर बांध में चारों तरफ से पानी आने पर इसका भंडारण काफी मुश्किल हो जाएगा। क्षमता से ज्यादा पानी कहीं बांधों की सेहत न बिगाड़ दे, इस डर से पानी का स्तर जितना निर्धारित है, उतना ही रखा जा रहा है। यही हाल नहरों का है। विशेषकर राजस्थान आने वाली नहरों में क्षमता के अनुसार पानी शायद ही कभी चलाया जाता हो, क्योंकि नहरें इतनी मजबूत और सक्षम नहीं है कि वो क्षमता जितने पानी के प्रवाह को झेल सकें। वैसे पानी में राजस्थान के शेयर की बात करें तो मई में प्रतिदिन करीब 14 हजार क्यूसेक पानी मिल रहा है। इस तरह मई का प्रदेश का कुल शेयर पांच लाख क्यूसेक बनता है। इस तरह अभी तक दो लाख से अधिक क्यूसेक पानी पाकिस्तान में छोडा जा चुका है। यानी राजस्थान के कुल शेयर के अनुपात में करीब चालीस प्रतिशत पानी बेवजह पाकिस्तान भेजा गया है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की सोमवार को हुई बैठक में पाक जा रहे पानी को कम करने तथा पानी की आवक अधिक होने पर इसका प्रबंधन करने पर चर्चा की गई। देखा जाए तो यह कोई स्थायी समाधान नहीं है। सहेजे गए पानी का वास्तविक फायदा तभी मिलेगा जब बांधों की क्षमता बढ़ेगी तथा राजस्थान व हरियाणा में नहरों की मरम्मत होगी, तभी छीजत रुकेगी तथा नहरों में क्षमता के अनुसार पानी प्रवाहित होना संभव होगा। वैसे राजस्थान व केन्द्र सरकार के साथ केन्द्रीय जल आयोग की ओर से इस बार नहरों की मरम्मत के लिए 32 सौ करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। काम के लिए राजस्थान में 70 दिन की बंदी ली जानी थी लेकिन कोरोना के चलते यह सारा काम रुक गया।

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 राजस्थान पत्रिका के राजस्थान में प्रकाशित लगभग सभी अंकों में 26 मई 20 को प्रकाशित।

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