Saturday, June 18, 2011

पति-पत्नी और वो...

पंजाब के जालंधर एवं उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर में शादीशुदा व्यक्तियों को दूसरी महिलाओं से प्रेम की पींगें बढ़ाने की कीमत गधे की तरह मार खाकर चुकानी पड़ी। शनिवार को दिन भर यह दोनों खबरें टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज के नाम चलती रही। जालंधर में पति और उसकी माशूका को पत्नी पीटती दिखाई दी तो कानपुर में पति अपनी पत्नी के प्रेमी पर हाथ उठा रहा था। दोनों घटनाओं में एक अंतर जरूर था। जालंधर की घटना घर के अंदर हुई तो कानपुर की बीच बाजार में। इन खबरों में पिटने और पीटने वालों के बयान भी दिखाए गए गोया उन्होंने कोई लड़ाई फतह की हो।
जैसी कि मेरी आदत है मैं हमेशा खेल या न्यूज से संबंधित चैनल ही ज्यादा देखता हूं। सुबह से लेकर दोपहर तक जब एक चैनल पर लगातार यही खबर देखते-देखते मैं उकता गया तो दूसरा चैनल लगाया लेकिन यहां भी जालंधर एवं कानपुर के ही चर्चे थे। समझ नहीं आया कौनसा चैनल देखूं। आखिकर आवाज म्‌यूट करके मैं दूसरे काम में व्यस्त हो गया, लेकिन चैनल पर यह न्यूज बदस्तूर चलती रही। थोड़ी देर काम से फुर्सत मिली तो इन दोनों खबरों को लेकर सोचने लगा।
मन में ख्याल आया कि  पति-पत्नी और वो... जैसे मामले अगर हम थोड़ी सी गंभीरता से ढूंढेंगे तो अपने आसपास भी मिल जाएंगे। वैसे भी इस प्रकार की घटनाओं से अब कोई हैरत नहीं होती है क्योंकि देश और समाज में इस प्रकार के मामलों में बड़ी तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। बावजूद इसके हमारे चैनल वालों को पता नहीं क्या हो गया है। जैसा कि मेरे एक परिचित कल ही मुझे कह रहे थे कि टीवी चैनल का मतलब है देखो और भूल जाओ। दिल पर मत लो। इनका काम ही सनसनी फैलाना है। मुझे उनकी बात में दम नजर आया। यह सनसनी नहीं तो और क्या है। निहायत ही घरेलू मामलों को राष्ट्रीय स्तर का समाचार बनाकर पेश कर दिया जाता है। ऐसा लगता है कि घर-घर की कहानी का कथानक जरूरत से ज्यादा ही मजबूत और लोकप्रिय हो गया है।  तभी तो भूख, भय, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्‌दों को दरकिनार किया जा रहा है और इन सब पर घर-घर की कहानी भारी पड़ रही है।
खैर, चप्पलों एवं जूतों से मार खाए महाशय, अनैतिक रूप से प्यार करने का मतलब भली-भांति समझ गए होंगे। अगर नहीं समझें तो उनको नीचे दिया गया यह शेर गुनगुना लेना चाहिए लेकिन शेर में अंतर्निहित फलसफे को समझने को बाद।
ये इश्क नहीं आसां, बस इतना समझ लीजिए..
एक आग का दरिया है और डूब के जाना है...