Monday, September 24, 2012

उम्मीदों को पंख...



पत्रिका को टि्‌वनसिटी में दो साल पूरे हो गए। इन दो वर्षों में पत्रिका ने बेबाक, निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकारिता के नए आयाम गढ़े हैं, यह बात पत्रिका का पाठक बखूबी जानता है। दो वर्षों में पत्रिका ने जनहित से जुड़े अनेक मुद्‌दों को अपनी आवाज दी और अंजाम तक पहुंचाया। मुद्‌दे उठाना और परिणाम तक पहुंचाना ही पत्रिका की खासियत है। हाल ही में पत्रिका के अमृतम्‌ जलम्‌ अभियान को टि्‌वनसिटी के पाठकों ने जो समर्थन एवं सहयोग दिया, वह अभूतपूर्व है। पाठकों के इसी साथ ने एक और एक दो नहीं बल्कि ग्यारह होने की अवधारणा को पुष्ट किया। टि्‌वनसिटी में ऐसे मुद्‌दों की फेहरिस्त लम्बी है, जिनको पत्रिका ने बड़ी शिद्‌दत के साथ उठाया और मुहिम का ऐसा रंग दिया कि आखिकार शासन-प्रशासन को ध्यान देना पड़ा।
टि्‌वनसिटी के दोनों शहरों दुर्ग-भिलाई के बीच भौगोलिक दूरी आज भले ही मिट गई हो, लेकिन दोनों की अलग-अलग खासियतें एवं खूबियां हैं। पत्रिका ने टि्‌वनसिटी की इन खासियतों से रूबरू कराया तो विकास की विसंगतियों को भी लगातार उजागर किया। बीएसपी आयुध भंडार के पास अवैध बस्ती के खिलाफ  पत्रिका की मुहिम को तो पाठक आज भी याद करते हैं। बीएसपी प्रबंधन को आखिरकार उस बस्ती को वहां से हटवाना पड़ा। इतना ही नहीं, शहर में बाइपास या फोरलेन के मामले में भी पत्रिका की मुहिम पर निगम प्रशासन ने मुहर लगाई। फोरलेन की विसंगतियों को भी पत्रिका ने बेबाकी के साथ उठाया। शहर में खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था से लेकर सेक्टर एरिया की समस्याओं तक जनहित से जुड़े हर मुद्‌दे पर पत्रिका की पैनी निगाह रही।
यह तो शुरुआत है। टि्‌वनसिटी में विकास की भरपूर गुंजाइश है। उम्मीदों का आकाश पंख फैलाने को बेताब है। जरूरत है तो बस इच्छाशक्ति जगाने व सोच बदलने की। पत्रिका ने दोनों ही कामों में अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाने का प्रयास किया है। पाठकों के विश्वास और उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कलम यूं ही बेबाक, निष्पक्ष एवं निर्भीक बनी रहेगी, लगातार... अनवरत...।

साभार - पत्रिका भिलाई के 24 सितम्बर 12 के अंक में प्रकाशित।