Wednesday, September 19, 2012

स्वरूप भी हैं जुदा-जुदा


 प्रथम पूज्य देव गणेश के वैसे तो कई नाम हैं लेकिन अब उनके स्वरूप भी भिन्न-भिन्न दिखाई देने लगे हैं। यकीन नहीं होता है तो बाजार जाकर देखिए। गणेश जी विविध स्वरूपों में विद्यमान हैं। गणेश चतुर्थी को देखते हुए इस बार एक से बढ़कर प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। कुछेक के लिए तो बाकायदा ऑर्डर दिए गए हैं जबकि अधिकतर प्रतिमाओं की परिकल्पना कलाकारों ने स्वयं ही की है। आकर्षक एवं चटकीले रंगों के माध्यम से बनाई गए मिट्‌टी की प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को खासी पसंद आ रही हैं। प्रतिमाओं पर किए जाने वाले रंग में भी इस बार बदलाव किया गया है। देव प्रतिमाओं पर किए जाने वाले परम्परागत रंग के अलावा इस पार नीला, गुलाबी, काला सहित कई रंगों का प्रयोग किया है। खास बात यह है कि गहरे रंगों की प्रतिमाएं भी बाजार में हैं लेकिन इस बार हल्के रंगों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा  प्रतिमाओं के साथ खास बात यह जुड़ी है कि इनको दूसरे देवताओं के साथ मर्ज कर दिया है। इस कारण गणेश की प्रतिमा में दूसरे देवता का आभास होता दिखाई देता है।












अकेले गणेश की प्रतिमा बनाने की अब पुरानी हो गई है। कुछ नया करने के प्रयास में इस बार गणेश को दूसरे देवताओं के साथ जोड़ कर प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। मसलन श्रद्धालु अभी तक श्री कृष्ण को मुरली बजाते हुए ही देखते आए हैं लेकिन इस बार यह काम गणेश भी बखूबी कर रहे हैं। बात यहीं तक सीमित नहीं है रंग-रूप श्रीकृष्ण जैसा ही है। शिव के अलावा भला ताण्डव नृत्य और कौन कर सकता है, लेकिन इस बार गणेश नृत्य भी कर रहे हैं। वेशभूषा भी शिव वाली है। रंग भी एकदम काला। इसी तरह गणेश के माथे पर बड़ा चांद बनाया गया है। कलाकारों की मानें तो चांद लगे गणेश जी श्रद्धालुओं को खासा लुभा रहे हैं। कुछ ने तो आर्डर देकर भी बनवाया है। टीवी धारावाहिक बाल हनुमान की तर्ज पर भी गणेश प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। गणेश गदा लेकर खड़े हैं। उनको एकबार सरसरी नजर से देखें तो बाल हनुमान का ही आभास होता है। और भी ऐसी कई प्रतिमाएं हैं, जिनको देखकर दूसरे देवताओं का ख्याल जेहन में यकायक आ जाता है। इसके अलावा मोर की सवारी करते गणेश भी काफी आकर्षक बन पड़े हैं। तीन मुखी एवं पंच मुखी गणेश की प्रतिमाएं भी श्रद्धालुओं को चौंकाने के साथ लुभाती भी हैं। इसके अलावा कहीं हनुमान अपने हाथ पर गणेश को उठाए हुए हैं तो कहीं गणेश शेषनाग के साथ दिखाई दे रहे हैं। गणेश का मुनीम का स्वरूप भी दिया गया है। बिलकुल उसी अंदाज में पगड़ी पहने बही-खातों में हिसाब-किताब करने में तल्लीन दिखाई देते हैं। मौसम क्रिकेट का है, लिहाजा इससे भी गणेश अछूते नहीं है। क्रिकेट विश्व कप के साथ मर्ज करके भी गणेश की प्रतिमा तैयार की गई है।

साभार - पत्रिका भिलाई के 19 सितम्बर 12 के अंक में प्रकाशित।