Saturday, December 7, 2013

शुक्रिया अदा करूं या..


बस यूं ही 

 
माताश्री लम्बे से उच्च रक्तचाप से पीडि़त हैं। इस रोग की पुष्टि झुंझुनूं के एक ख्यात चिकित्सक ने काफी पहले की थी। चिकित्सक की सलाह पर तथा रोग पर काबू पाने के लिए उस दिन के बाद माताश्री प्रतिदिन टेबलेट खाने लगीं। यह क्रम करीब सात साल से चल रहा है। पहले वे जो टेबलेट खाती थीं, वह ब्रांड बाजार में आना बंद हो गया तो चिकित्सकों की सलाह पर उसी सॉल्ट की दूसरी टेबलेट बता दी गई। पिछले सप्ताह माताश्री की तबीयत अचानक खराब हो गई तो गांव में हाल ही में खुले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सक को दिखाया तो उन्होंने कहा कि आप का रक्तचाप तो बेहद हाई है। चिकित्सक के ऐसा कहने पर माताश्री घबरा गईं। ऐसे में पिताजी उसको सुलताना के एक दूसरे चिकित्सक के पास लेकर गए तो उसने कहा कि सब ठीक है। ब्लड प्रेशर भी उतना ज्यादा नहीं है जितना बताया गया है। सुलताना के चिकित्सक के इस दिलासे के बाद माताश्री कुछ सामान्य हुई। आज दोपहर बाद पापा का फोन आया, हालांकि सुबह बात हो चुकी थी। मैंने फोन अटेंड किया तो बोले अपने गांव के डाक्टर की एक शिकायत है। मैंने पूछा क्या हो गया.. तो बोले, आज तेरी मां, गांव वाले डाक्टर के पास चेकअप कराने गई थी..तो डाक्टर ने बताया कि उसको ब्लेड प्रेशर नहीं है। पापाजी चकित थे कि सप्ताह भर पहले जो चिकित्सक ब्लड प्रेशर बेहद हाई बता रहा था वह सप्ताह भर बाद उसके खत्म होने की बात कैसे कह रहा है। पापाजी की बात सुनकर मैं भी आश्चर्य में डूब गया। आखिर सात साल की बीमारी खत्म कैसे हो गई जबकि झुंझुनूं के चिकित्सक ने तो यह कहा था कि यह टेबलेट आपको जिंदगी भर खानी पड़ेगी। समझ नहीं आ रहा है किस पर यकीन किया जाए..। गांव वाले चिकित्सक पर या झुंझुनूं वाले पर। झुंझुनू वाले चिकित्सक को कोसूं या गांव वाले चिकित्सक का शुक्रिया अदा करुं। जानकारी तो यह भी मिली है कि हाल ही में राज्य सरकार ने करीब 20 प्रकार के सॉल्ट की दवा ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए निशुल्क कर दी है। गांव वाले डाक्टर साहब माताश्री को दवा नहीं दे पा रहे हैं या दवा देने से डर रहे हैं यह तो वो ही जाने, फिलहाल तो मैं उनके नम्बर तलाश रहा हूं। जैसे ही मिलेंगे। बात जरूर करूंगा।

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