Saturday, January 28, 2017

अचानक से फटी धरती और समा गया सारा पानी, ढाबां झलार गांव में आज भी हैं निशां बाकी

श्रीगंगानगर.

 बरसात जोरों से बरस रही थी। पानी इतना बरसा कि घरों में चार-चार फीट पानी भर गया। पूरा गांव डूबने की कगार पर था। परेशान लोग भगवान से बारिश थमने की फरियाद कर रहे थे। अचानक तेज धमाका हुआ और गांव का पानी उतरने लगा। थोड़ी ही देर में गांव का सारा पानी गायब हो गया। गांव वालों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, क्योंकि उनके लिए यह नजारा किसी चमत्कार से कम नहंी था।  यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत की घटना है। जिले के ढाबां झलार गांव में 58 साल पहले सितम्बर माह में इस तरह का चौंकाने वाला वाकया घटित हुआ था। तेज बारिश के कारण गांव डूबने की कगार पर पहुंच गया था। गांव की पूर्व दिशा में अचानक से तेज धमाका हुआ और करीब चार बीघा में धरती फट गई और सारा पानी उसमें समा गया। इसे दैवीय चमत्कार मान ग्रामीण उस स्थान की पूजा करने लगे, तब से हर साल भाद्रपद अमावस्या को मेला लगता है और दिन भर धार्मिक आयोजन व संत्सग होते रहते हैं। इस समूचे आयोजन के लिए गांव पड़पाटा धाम समिति व्यवस्था करती है। साल दर साल यहां सुविधाओं का विस्तार होता जा रहा है। मेले में आसपास के गांवों के हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। 
साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल
जहां जमीन फटी थी, उस जगह का नाम पड़पाटा धाम है। पड़पाटा धाम साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। वैसे भी ढाबां झलार में हर सम्प्रदाय के लोग हैं और सभी की पड़पाटा धाम में गहरी आस्था है। धाम में शिव मंदिर है तथा गुरुद्वारा भी है। इसके अलावा फटी जमीन के निशां बाकी है जो अब एक जोहडनुमा छोटे तालाब का रूप अख्तियार कर चुकी है। इसमें बरसाती पानी भरा रहता है। श्रद्धालु यहां झाडू चढ़ाते हैं। 

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