Monday, August 29, 2011

अन्नागिरी के अनूठे व अनोखे अंदाज

बिलासपुर. जन लोकपाल के मुद्‌दे पर अनशन कर रहे हैं सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन का समर्थन करने वालों का कारवां दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वैसे तो गांधी टोपी तथा तिरंगा झण्डा इस आंदोलन की पहचान बन चुके हैं, लेकिन इनके अलावा और भी कई तरीके हैं, जो लोगों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच रहे हैं। बीते दस दिनों में आंदोलन के एक से बढक़र एक कई ऐसे अहिंसक तरीके सामने आए हैं, जो आज तक शायद ही किसी आंदोलन के हिस्से बने हैं। इन सभी तरीकों में एक खास बात यह भी है कि इनमें गंभीरता के साथ मनोरंजन का तड़का भी है। आंदोलन के संबंध में गढे गए नारों तथा वंदेमातरम व भारत माता के जयकारों ने न केवल लोगों में देशभक्ति की भावना भर दी है बल्कि उनको एकजुट करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई है।
इस आंदोलन की सबसे बड़ी खासियत जो देखने में आ रही है, वह है अनुशासन। धरनास्थल पर सुरक्षा के लिहाज से शायद ही कोई पुलिस वाला दिखाई देगा। कई तरह की गतिविधियों के बावजूद अनुशासन भी गजब का है। सभी लोग अनुशासित सिपाही की तरह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं। धरने से संबंधित तमाम व्यवस्थाओं की कमान युवाओं ने संभाल रखी है। धरनास्थल पर मौजूद लोगों को पानी पिलाने से लेकर यातायात बाधित न हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हर वर्ग का समर्थन तथा उनका विरोध करने का तरीका अलहदा होने के कारण भी यह आंदोलन अनूठा बन पड़ा है।  आंदोलन में किन्नरों से लेकर कुलियों तक की सहभागिता भी  अनोखी है।
ये हैं तरीके
धरना, अनशन, मोटरसाइकिल रैली, शांति मार्च, मशाल जुलूस, केडिंल मार्च, ऑटो रैली, पोस्टकार्ड अभियान, हस्ताक्षर अभियान, घण्टा रैली, काली पट्‌टी बांधकर काम, दीप प्रज्वलित करना, सद्‌बुद्धि यज्ञ, हवन, हनुमान चालीसा के पाठ, स्टीकर अभियान, पम्पलेट का वितरण, नाचते गाते जुलूस, भ्रष्टाचार की मटकी फोड़ना, भजन-कीर्तन, देशभक्ति गीत, चुटकुले, शेरो शायरी एवं कविता पाठ, मंदिरों में अन्ना की सलामती की दुआ, सांसदों के निवास पर प्रदर्शन, मानव श्रृंखला, शैक्षणिक बंद, नारेबाजी आदि।
साभार  : पत्रिका बिलासपुर के 26 अगस्त 11के अंक में प्रकाशित

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