Friday, October 14, 2011

पूंछ तो गीली हो गई...

मेरा छोटा बेटा चीकू (एकलव्य) जितना चंचल है, उतना ही हाजिर जवाब भी। अभी वह पांच साल का भी नहीं हुआ है कि अपनी बातों से बड़े-बड़ों को भी आसानी से बेवकूफ बना देता है। अभी दशहरे की बात है। मोहल्ले में रावण का पुतला देखकर मचल गया और अपनी मम्मी से कहने लगा कि उसे रावण देखने जाना है। उसकी मम्मी उससे दो कदम आगे निकली। तत्काल बाजार गई और प्लास्टिक की गदा खरीद लाई वह भी दो। दो इसलिए क्योंकि मेरा बड़ा बेटा योगराज भी जब किसी चीज के लिए मचल जाए तो फिर जिद पूरी करके ही मानता है। दोनों चुप और संतुष्ट रहे इसलिए दो गदा खरीदी गई। इसके बाद चीकू की जिद देखते उसकी मम्मी ने उसे बाल हनुमान के रूप में सजा दिया। बाकायदा धोती पहनाई गई। कानों में बिन्दी चिपका दी गई। हाथों में पट्‌का और गालों पर सिंदूर लगा दिया गया। चीकू छोटा है इस कारण सहज ही हनुमान के रूप में उसने सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। भूल यह हो गई कि  बाल हनुमान के पूंछ नहीं लगाई है। वह भूल से रह गई थी। वैसे भी पूंछ के लायक कोई वस्तु थी नहीं जिसे पूंछ बनाकर लगाया जा सके, लिहाजा बिना पूंछ का ही हनुमान बना दिया गया। हाथ में गदा लिए वह रावण के पास पहुंच गया और जोर जोर से जय सियाराम, जय सियाराम के जयकारे लगाने लगा।
छोटे से बालक को जयकारे लगाते देख वहां मौजूद लोग आश्चर्य जताने लगे। इतने में चीकू ने अपनी गदा से रावण के पुतले पर प्रहार किया। फिर क्या था मोहल्ले वाले कहने लगे कि आज तो रावण का दहन बाल हनुमान ही करेंगे। इसके बाद चीकू ने रावण का दहन किया। रावण की अंदर आतिशबाजी एवं पटाखों का शोर सुनकर वह बहुत उत्साहित हो गया। रावण दहन के बाद  जब चीकू अपनी मम्मी व योगराज के साथ घर लौट रहा था पड़ोस की आंटी जो चीकू से बेहद प्यार करती है उसने चीकू को अपने पास बुलाया। वैसे चीकू मूडी है जब मूड होता है तभी किसी के पास जाता है वरना वह टस से मस नहीं होता है। चाहे कोई कितनी भी मन्नत कर ले। चूंकि हनुमान बनने की खुशी में वह इतना उत्साहित था कि बिना किसी ना नुकर के वह आंटी के पास चला गया। आंटी देखते ही बोली, अरे वाह चीकू तुम तो आज बाल हनुमान के रूप में बहुत जम रहे हो। चलो यह तो बताओ की तुम्हारी पूंछ कहां है। इतना सुनते ही चीकू ने जवाब दिया कि पूंछ तो गीली हो गई थी, इसलिए मम्मी ने सूखा दी। चीकू का जवाब सुनकर वहां मौजूद अन्य महिलाएं भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सकी। मेरी धर्मपत्नी भी चीकू के जवाब से काफी प्रसन्न नजर आई। इसकी वजह यह थी कि  पूंछ न लगाने की उसकी भूल को चीकू ने बड़ी ही चतुराई के साथ नया मोड़ दे दिया था।

2 comments:

  1. बहुत पसंद आया ...इसे कहते हैं झुंझुनू का पानी पीने का असर .....फोटो लगाते तो और भी अच्छा लगता ..........

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  2. wah saa, yeh to ek jock bana dala chikoo ne...
    .........love to chikoo & yograj...........bss

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