Friday, December 29, 2017

दो राज्यों के चुनाव की बीस प्रमुख बातें

पहली : नरेन्द्र मोदी के गृहनगर वाले उंझा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है।
दूसरी : हिमाचल में भाजपा के प्रस्तावित मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की भी हार हुई है।
तीसरी : रुपाणी मंत्रिमंडल के कई मंत्री चुनाव हार गए।
चौथी : भाजपा का 150 से अधिक सीट पाने का दावा फेल हो गया।
पांचवीं : किसी राज्य में प्रधानमंत्री द्वारा सत्रह दिन तक प्रचार करना संभवत: रिकॉर्ड है।
छठी : पिछले 22 साल में पहली बार भाजपा को सौ से कम सीटें प्राप्त हुई हैं।
सातवींं : पिछले 22 साल में पहली बार दोनों पार्टियों के वोट शेयर में सबसे कम अंतर रहा है।
आठवीं : पिछले 22 साल में कांगे्रस का वोट शेयर पहली बार चालीस प्रतिशत को पार किया है।
नवमीं : पिछले 22 साल में इस बार कांग्रेस ने पहली बार सबसे ज्यादा सीट जीती हैं।
दसवींं: पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को सोलह सीटों का फायदा हुआ है जबकि भाजपा को सोलह सीटों का नुकसान हुआ है।
ग्याहरवीं : भाजपा ने गुजरात में लगातार छठी बार बहुमत प्राप्त किया है।
बारहवीं : गुजरात में 2002 से कांग्रेस की सीटें बढ़ती गई हैं जबकि भाजपा की सीटें घटती गई हैं।
तेरहवीं : गुजरात में 2002 में भाजपा को 127 सीट थी जबकि कांग्रेस के पास 51 सीटें थीं।
चौदहवीं : हिमाचल में भाजपा का वोट शेयर दस फीसदी बढ़ा है जबकि कांग्रेस का एक फीसदी कम हुआ है।
पंन्द्रहवीं : लोकसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा को हिमाचल में वोट शेयर चार प्रतिशत घटा है।
सोलहवीं : पिछले 24 सालों में भाजपा को पहली बार हिमाचल में सर्वाधिक सीटें मिली हैं।
सतहरवीं : गुजरात लोकसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा का इस बार 12 प्रतिशत शेयर घटा है।
अठाहरवीं : हिमाचल में कांग्रेस का 24 सालों में सर्वाधिक खराब प्रदर्शन रहा है।
उन्नीसवीं : हिमाचल में कांगे्रस को 1990 में नौ जबकि भाजपा 1993 में आठ सीटें मिली थी। यह दोनों पार्टियों का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
बीसवां : पिछले 27 साल में हिमाचल में किसी भी दल को साठ से अधिक सीट नहीं मिली है।

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