Tuesday, December 31, 2013

जग के नहीं, 'पैसों' के नाथ


पुरी से लौटकर-2

 
वैसे पुरी में आने वालों को ललचाने एवं प्रलोभन देने वालों में टूर एंड टे्रवल्स वाले भी कम नहीं हैं। पुरी रेलवे स्टेशन ऐसा है, जहां रेलवे लाइन का आखिरी छोर है। जितनी भी ट्रेन यहां आती हैं, वे यहीं से दुबारा चलती है। यूं समझिए कि पुरी एक ऐसा स्टेशन है, जहां रेल लाइन का द एंड हो जाता है। खैर, स्टेशन पर जैसे ही कोई गाड़ी पहुंचती है, वहां कुलियों के अलावा और बहुत सारे लोग, यात्रियों पर एक तरह से टूट पड़ते हैं। रुट चार्ट लिखा एक पर्चा पुरी पहुंचने वालों को थमा दिया जाता है। तरह-तरह की छूट का प्रलोभन देकर यात्रियों/ पर्यटकों को ललचाने की कवायद शुरू हो जाती है। हमारी पास भी एक युवा आया और तत्काल ऑटो में बैठने का आग्रह करने लगा। बोला, श्रीमान जी, ऑटो आपके लिए निशुल्क है। इसका कोई चार्ज नहीं लगेगा। आप ऑटो में बैठिए। हमने उससे कहा कि आपने अपने नम्बर दे दिए हैं, हम शाम को आपको फोन पर अपना रुट प्लान बता देंगे, अब आप जाओ। लेकिन वह युवक मानने को तैयार ही नहीं हो रहा था। करीब एक घंटे तक वह आग्रह करता रहा। आखिरकार हम उसके कहेनुसार ऑटो में बैठ गए। युवक ऑटो को सीधे ट्रेवल्स एजेंसी ले गया और बोला आप अपनी यात्रा का टिकट बुक करा लीजिए..। हमारा बॉस बहुत ही अच्छा आदमी है। आप एक बार उससे मिल लीजिए। हमने कहा कि पहले हमको होटल छोड़ दो, हम शाम को फोन करके आपको जो भी प्लान अच्छा लगेगा, बता देंगे। लेकिन वह युवक बार-बार एक ही रट लगाए हुए था। हमने ऑटो वाले से कहा कि.. यह फ्री-व्री का चक्कर छोड़ और हमको जगन्नाथ मंदिर एवं समुन्द्र के मध्य में कोई रियायती दर वाले होटल में छोड़ दे, लेकिन वह जबरन गलियों में इधर-उधर घूमाता रहा। कहने लगा कि यहां के पुलिस वाले सख्त हैं; कार्रवाई कर सकते हैं, इसलिए वह मुख्य रास्ते से न जाकर दूसरे रास्ते से होटल जा रहा है। उसने हमको तीन-चार होटल दिखाए, लेकिन कोई लोकेशन के हिसाब से नहीं जमा तो कोई व्यवस्था के हिसाब से। यहां बताता चलूं कि पुरी में ऑटो और होटल वालों के बीच भी कमीशन का खेल चलता है। कई होटल वालों ने तो अपने यहां ऑटो वालों को स्थायी रूप से रखा हुआ है, जो स्टेशन से सीधे उनको होटल तक ले आते हैं। होटल से अनुबंध रखने वाले ऑटो का किराया भी अलग है। सामान्य ऑटो से करीब 30 से 50 रुपए ज्यादा। हमारे ऑटो वाला भी लगभग उन्ही होटल में लेकर गया, जहां उसकी जान-पहचान थी। आखिरकार करीब एक घंटे पुरी की गलियों में इधर-उधर घूमाने के बाद वह एक होटल में लेकर गया। किराया 12 सौ रुपए प्रतिदिन। सामान्य कमरा..। डबल बैड। ऑटो वाले से किराया पूछा तो बोला, दो सौ रुपए दे दीजिए। बाद में उसको 150 रुपए दिए लेकिन... जारी है।

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