Thursday, July 2, 2020

कोरोना से भी घातक भ्रांतियां-अफवाहें!

कोरोना वायरस की भयावहता को दरकिनार कर जिस तरह सोशल मीडिया पर इसका मजाक उड़ाया जा रहा है वह बेहद चिंताजनक है। इन दिनों सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर कोरोना से संबंधित पोस्ट पलक झपकते ही जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है। इन पोस्टों में क्या सही है और क्या गलत है, इसका नापने या जांचने का कोई पैमाना नहीं है। फिर भी लोग इनको आंख मूंद कर वायरल करने में जुटे हैं। जिस के पास जो आ रहा है, वह आगे से आगे फारवर्ड हो रहा है। कोरोना वायरस की गंभीरता को नजरअंदाज कर हजारों तरह के चुटकले बन चुके हैं। बचाव के तरह-तरह के तरीके बताए जा रहे हैं। सुझाव व सावधानी बताने वालों का तो कहना ही क्या। लब्बोलुआब है कि यह सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर मुफ्त का कथित ज्ञान भरपूर बंट रहा है। इन पोस्टों में अधिकतर भ्रांतियों एवं अफवाहों से जुड़ी हैं। सर्वविदित है कि अफवाहें और भ्रांतियां बहुत तेजी से फैलती हैं। फिलवक्त यह अफवाहें एवं भ्रांतियां अपने चरम पर हैं। कोरोना को लेकर वायरल इन अफवाहों व भ्रांतियों से एक अनजाना भय भी फैल रहा है, जो लोगों को डरा रहा है। माना कोरोना वायरस खतरनाक है लेकिन इसको लेकर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा डर तो और भी खतरनाक है। कई तरह के डरों व आशंकाओं से घिरे लोग फिलहाल असमंजस में हैं। उनको क्या करना है और क्या नहीं, यह भी ठीक से सोचते नहीं बन रहा है। यह सही है कि सरकारी स्तर पर कोरोना के प्रति सावधान रहने व जागरूकता बरतने का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जा रहा है लेकिन सोशल मीडिया का यह मुफ्त ज्ञान, सरकारी प्रचार-प्रसार पर भारी पड़ रहा है। हालांकि कुछ स्थानों पर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई हुई है लेकिन सोशल मीडिया के बेलगाम घोड़े के आगे यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही इन भ्रांतियों व अफवाहों पर तत्काल अंकुश लगाने की आवश्यकता है ताकि देश में बना भय का वातावरण कम हो और लोग भयभीत न हो। सोशल मीडिया यूजर को भी इस तरह की भ्रामक व फेक पोस्टों को आगे से आगे फारवर्ड करने से बचना चाहिए। उनको इस तरह की पोस्टों को बढ़ावा कतई नहीं देना चाहिए। हम सब अगर अधिकृत संस्थान या सरकारी स्तर पर दी जाने वाली जानकारी पर ही विश्वास करेंगे तो यकीनन डर काफी हद तक खत्म होगा।
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राजस्थान पत्रिका के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ संस्करण में बीस मार्च के अंक में प्रकाशित ..

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