Sunday, May 13, 2018

मीडिया और तूफान राग

बस यूं ही 
करीब दो साल पहले मानसून और मीडिया राग पर कुछ लिखा था। इन दिनों तूफान राग चर्चा में हैं। हालांकि तूफान दो दिन से कुछ ठंडा पड़ा है लेकिन इसका राग इस बार इतना खतरनाक तरीके से गाया गया गोया तूफान ही पहली बार आया हो। बचपन में इस तरह की न जाने कितनी ही आंधियों से वास्ता से पड़ा है लेकिन इस बार आंधी का नाम तूफान हो गया। हालांकि गांवों में आंधी का स्वरूप थोड़ा बड़ा होता है तो उसे सूंटा कहते हैं। खैर, तूफान नाम बड़ा है और इसमें डर समाहित हो जाता है। और ये जो डर है ना यह आजकल बहुत बिकता है। डाक्टर बीमारी का डर, मरीज की तबीयत बिगडऩे का डर, प्रसूता की मौत का डर दिखाकर जेब ढीली करते हैं तो मीडिया डरा डरा कर टीआरपी बटोरता है। यह डर बिकता भी इसीलिए है क्योंकि डर को परिभाषित भी इसी तरह से किया जाता है कि अगला शर्तिया डरे ही। मौसम विभाग और उसकी भविष्यवाणियों का सटीक उदाहरण पिछली पोस्ट में दे चुका हूं। मौसम विभाग अपने सिर पर कोई इल्जाम नहीं लेना चाहता। मौसम दगा या न दे यह उसका सिरदर्द है। मौसम विभाग तो भविष्यवाणी करके गंगा नहाया हो जाता है। हां एक तूफान से जनहानि होने के बाद तो मौसम विभाग को हल्का सा बादल या हल्की सी हवा भी तूफान नजर आने लगे हैं। मौसम विभाग के इस डर को मीडिया ने जबरदस्त ने भुनाया। खतरनाक तरीके से। मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर मीडिया की मुहर लगने के बाद प्रशासन की क्या मजाल, लिहाजा उसने भी व्यापक प्रबंध करने तथा कई जगह स्कूलों में अवकाश तक की घोषणा करने में गुरेज नहीं किया। अब आसमान में बादल थोड़े से ही गहराएं या हवा थोड़ी सी तेज हो, मौसम विभाग व मीडिया भविष्यवाणी सच साबित हुई यह मानकर अपनी पीठ थपथपाने में भी संकोच नहीं करते।
बहरहाल, आशंका व अनजाने भय से सहमे लोग रफ्ता-रफ्ता भविष्यवाणियों से उबर रहे हैं। दिलोदिमाग से डर कुछ निकला है तो अब जुमले और चुटकले भी याद आ रहे हैं। इस निगोडे़ तूफान पर न जाने कितने ही जुमले बन गए। वैसे भी देश में जुमले बनते आजकल जरा सी भी देर नहीं लगती। कुछ तूफानी जुमलों पर गौर फरमाएं।
1.अभी अभी तूफान पंजाब से हरियाणा की और बढ रहा है और हरियाणा पंजाब बार्डर पर हरियाणा वालों ने टोल टैक्स पर रोक रखा है। कह रहे हैं पर्ची कटेगी। नहीं तो लट्ठ बाजेंगे।
2. तूफान का इंतजार ना करें.. बीवी के साथ बाहर डिनर का प्रोग्राम बनाएं... बीवी के तैयार होने के बाद केंसिल कर दें... तूफान अपने आप आ जाएगा।
3. सासू फोन कर के दामाद नं पूछ्यो:- तूफान का के हाल चाल है?
दामाद- बस बढिय़ा है। कूलर चला की सूती है आराम ऊं , बात करवाऊं के!!!
4. यूपी व बिहार में लोग मन्दिरों में बैठे हैं कि तूफान न आवे लेकिन हरियाणा आले छात पे खड़े है कि क़द आवैगा।
5. इतनी बाट तो ब्याह मैं भातियाँ की कोनया होती, जितनी आज हरियाणा वालों नै 2 दिन की छुट्टी कराण आले तूफान की होरी सै।
इस तरह चुटकुलों की फेहरिस्त बेहद लंबी हैं। कहीं एक अंडरवियर पर बहुत सारी चिटकनी लगाकर तूफान से बचाव प्रचारित किया जा रहा है। खैर, तूफान भी मौसम का ही अंग है। तो इस कथित तूफानी मौसम में पोस्ट पढऩे के साथ धर्मेन्द्र के मौसम को बेईमान बताने वाले गाने का आनंद लीजिए। साथ में अमिताभ अभिनीत फिल्म तूफान का भी थोड़ा स्मरण कर लेवें।

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