Sunday, May 13, 2018

मनमर्जी की बधाई

टिप्पणी
पुलिस की बीकानेर रेंज की तीन दिवसीय प्रतियोगिता शुक्रवार को श्रीगंगानगर पुलिस लाइन संपन्न हुई। बीकानेर रेंज में चार जिले हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर व श्रीगंगानगर आते हैं। चारों जिलों के खिलाडिय़ों ने तीन दिन तक खूब दम दिखाया। तेज धूप में पसीना बहाया, लेकिन ऑवरआल चैम्पियन का खिताब मेजबान श्रीगंगानगर के नाम रहा। जीत तो जीत होती है और उसकी खुशी भी बड़ी होती है। इतनी बड़ी कि उसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है, लेकिन इस खुशी का ढिंढोरा चौक चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर पीटा जा रहा है। वैसे तो गाहे-बगाहे शहर को बदरंग में करने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता, लेकिन संभवत: यह पहला मामला है जब नेताओं व छुटभैयों की तर्ज पर पुलिस की जीत पर बधाई के होर्डिंग्स लगे हैं। सुखाडिय़ा सर्किल पर लगा बधाई का होर्डिंग तो नियमों को सरेआम ठेंगा दिखा रहा है। भारतीय सैनिकों की वीरता व बहादुरी की बदौलत जीता गया पाक टैंक इस होर्डिंग की आड़ में छिप गया है। खास बात देखिए इस होर्डिंग के संबंध में नगर परिषद से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। इधर पुलिस भी इस तरह के होर्डिंग्स लगाने से इनकार कर रही है। बधाई देने वालों में किसी का नाम नहीं है, होर्डिंग के नीचे केवल बधाई लिखकर नीचे 'श्रीगंगानगर पुलिस का सदस्य होने पर गौरवान्वित है' , लिखा हुआ है। अगर यह होर्डिंग पुलिस की जानकारी में लाए बिना ही लगा है तो पुलिस को पड़ताल कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इधर नगर परिषद को भी इस तरह बिना अनुमति के लगने वाले होर्डिंग्स पर कार्रवाई करनी चाहिए। होर्डिग्स लगने के पीछे कहीं न कहीं परिषद की भूमिका भी संदिग्ध है। इतने समय से बिना अनुमति के होर्डिंग्स लगते आ रहे हैं तो कार्रवाई क्यों न हो रही है?
बहरहाल, पुलिस को बधाई देने वाला यह होर्डिंग विशेष रूप से पुलिस के लिए जांच का विषय है। पुलिस दिवस जैसे बड़े कार्यक्रमों पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने संबंधी कोई होर्डिंग्स नहीं लगे तो खेल प्रतियोगिता में चैम्पियनशिप हासिल करने की बधाई चौराहों पर देने की जरूरत कहां रह जाती है? भले ही पुलिस होर्डिंग के लगाने से इनकार कर रही है, लेकिन कोई सरेआम चाटूकारिता का प्रदर्शन कर होर्डिंग्स लगा रहा है तो वह लोभ संवरण भी कैसे कर पाएगी? फिर भी पुलिस को इस मामले में कड़ा कदम उठाना चििाहए और न केवल यह होर्डिंग हटवाए बल्कि लगवाने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। नगर परिषद को भी अब सुस्ती का आलम छोड़कर शहर को बदरंग करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आना चाहिए। अगर इस काम में परिषद के लोग ही बाधक हैं या उनकी भूमिका संदिग्ध है तो उन पर भी अब लगाम कसने की जरूरत है।

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राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण के 13 मई 18 के अंक में प्रकाशित

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