Monday, April 16, 2018

इस तरह जलते हैं हाथ

बस यूं ही
होम करते हाथ जले, यह कहावत लगभग हम सभी ने सुनी होगी। और जब सुनी होगी तो इस कहावत का अर्थ भी मालूम होगा। चलो किसी को मालूम नहीं है तो बता देता हूं। इसका अर्थ होता है भला करते हुए नुकसान हो जाना। कल मेरे साथ कुछ एेसा ही हुआ। दोपहर बाद की बात है। फेसबुक पर स्नेहीजन रतनसिंह जी चांपावत का एक मैसेज आया। मैसेज का मजमून कुछ इस तरह से था कि आजकल एफबी पर हैकर्स सक्रिय हैं। वो आपकी आईडी को हैक करके आपके नाम से आपके एफबी दोस्तों को कुछ आपत्तिजनक व अश्लील वीडियो भेज सकते हैं। अगर किसी के पास मेरे नाम से इस तरह का वीडियो आता है, तो यह वीडियो मेरे द्वारा भेजा हुआ नहीं होगा। इसके आगे लिखा था कि कृपया इस मैसेज को आप अपने तमाम एफबी दोस्तों को भेजिए। चूंकि रतनसिंहजी चांपावत एक सम्मानित नाम हैं और व्याख्याता हैं, लिहाजा उनकी बात का अनुसरण करते हुए मैंने मैसेंजर से अधिकतर एफबी फ्रेंड्स को भेज दिया। हालांकि मैसेंजर में फोन बुक वालों के नाम भी शो होते हैं, लिहाजा बहुत से एेसे लोगों के पास भी यह मैसेज सेंड हो गया जो एफबी फ्रेंड नहीं हैं।
इस मैसेज के बाद कई जनों ने मैसेंजर के माध्यम से ही इस मैसेज को लेकर कई तरह की पूछ परख की। कइयों ने अपनी शंकाएं व जिज्ञासाएं शांत की है। दोपहर से लेकर शाम तक तो मैं जिज्ञासाएं शांत करने में ही जुटा रहा। खैर, शाम होते होते- मैंने कुछ मित्रों को मैसेंजर से मैसेज भेजे लेकिन बार-बार अस्थायी रूप से ब्लॉक का मैसेज आ रहा था। मैंने यही सोचा कि मित्र लोग शायद बुरा मान गए ,क्षइसीलिए ब्लॉक कर दिया गया। हालांकि इस तरह की समस्या सभी के साथ नहीं थी, इसलिए शक और भी गहरा रहा था ऐसा हो क्यों रहा है। आज सुबह भी एक एफबी मित्र को मैसेज किया लेकिन जल्द ही नोट सेंट का मैसेज आ गया। दो तीन बार किया लेकिन बात बनी नहीं। आखिर उनके कमेंट के नीचे वो बात पूछनी जो मैं मैसेंजर में पूछना चाह रहा था। खैर, समस्या यथावत थी। शाम को आफिस के साथियों से चर्चा की तो सलाह दी गई कि लोगआउट कर लो। यह भी किया। पासवर्ड भी बदला लेकिन समस्या बनी रही। इसी बीच एफबी फ्रेंड लिस्ट में पहले से शामिल एक जने की और रिक्वेस्ट आई। मैं सोच रहा था कि यह तो पहले से मित्रता सूची में हैं, लिहाजा उनको मैसेंजर पर मैसेज किया कि दूसरी आईडी कैसे बनाई, लेकिन यहां भी मैसेज नोट सेंट आ रहा था। आखिर यह मर्ज समझ नहीं आ रहा था कि कुछ कुछ मित्रों के साथ ही एेसा क्यों हो रहा है। काफी पड़ताल के बाद सार यह निकला कि कल एक साथ हजारों मैसेज भेजे यह उसी का नतीजा है। मतलब सलाह देना भारी पड़ गया। यानि कि होम करते हाथ जला लिए। खैर, एक दो दिन में यह हालात सामान्य होंगे पर एक नया अनुभव जरूर हो गया। कहा भी कहा गया है कि अक्ल बादाम खाने से नहीं भचीड़ खाने से आती है। और यह मामला भी तो किसी भचीड़ से कम नहीं है।

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