Monday, April 16, 2018

इंसानी फितरत

बस यूं ही
किसी ने सच ही कहा है कि दुनिया में भले इंसानों के लिए जगह नहीं है। देखिए ना सांप अगर काटना छोड़ दे तो उसका क्या हश्र हो। लोग उसकी रस्सी न बना लें। इसी तरह सांड अगर मारना या मारने के लिए किसी को डराए नहीं तो लोग उसकी सवार न करने न लग जाएं। यह इंसानी फितरत है कि कमजोर को हमेशा दबाया जाता रहा है। सीधे पेड़ पर भी आरा सबसे पहले चलता है। कबीर जी भी कह कर गए कि दुनिया में जय जयकार हमेशा दुर्जन लोगों की होती है। यकीन नहीं है तो बताइए कि जो ग्रह नक्षत्र सही चल रहे होते हैं उनकी कभी आप पूजा करते हैं। नहीं करते ना। हां, जो ग्रह नक्षत्र उलटे चल रहे होते हैं, उनको सही करवाने के लिए कई तरह के जतन करने पड़ते हैं। पूजा हवन तक होते हैं। दान दक्षिणा तक दी जाती है। इसी तरह सीधा आदमी बगल से निकल जाए दुआ सलाम करने वाले बहुत कम होंगे लेकिन यही कोई प्रभावशाली आदमी हो तो फिर देखिए नजारा। किस तरह लोग उसके आगे पीछे दुम हिलाकर घूमते हैं। आजकल तो अपराधियों की मौत के बाद उनके समर्थन में हुजूम उमड़ता है। और कोई गरीब मर जाए तो जनाजे को कंधा देने वाले चार लोग तक नहीं आते। वाकई यह दुनिया गजब की है। इस दुनिया को समझना आसान नहीं है।
वैसे आदमी के बारे में काफी कुछ कहा भी गया है। यही कि आदमी आश्रय देने पर सिर पर चढ़ता है। उपदेश देने पर मुड़कर बैठता है। आदर करने पर खुशामद समझता है। उपकार करने पर अस्वीकार करता है। विश्वास करने पर हानि पहुंचता है। क्षमा करने पर दुर्बल समझता है और प्यार करने पर आघात करता है। इस तरह के चरित्र को उत्तम नहीं कहा जा सकता है। अगर इंसानियत व भाईचारे का दर्शन समझ में आ जाए तो सारे लफड़े ही खत्म मानो। होना यह चाहिए कि आश्रय देने पर उसका हमेशा एहसानमन्द होना चाहिए। कोई अच्छे कार्य के लिए कुछ उपदेश दे तो उसका पालन करना चाहिए। कोई सच्चे मन से आदर सत्कार करे तो उसकी प्रतिष्ठा बनाए रखनी चाहिए। कोई हृदय से उपकार करे तो उसे सच्चे मन से ग्रहण करना चाहिए। विश्वास करने पर उसे कभी ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। अपनी गलती पर कोई हमें क्षमा करता है उसे दुर्बल नहीं समझना चाहिए बल्कि उसका एहसानमंद होना चाहिए। यदि कोई हमसे प्यार करे तो उसके प्यार एवं विश्वास को हमेशा बनाए रखना चाहिए।
मेरे को भी आज शुक्रवार को कुछ इसी तरह का अनुभव हुआ। रुका नहीं गया तो जज्बातों को शब्द देने बैठ गया। क्या लिखा, कैसा लिखा यह सब आपके सामने हैं। यह सबक जिंदगी भर याद रहेगा। वाकई सीधा होना व किसी का निस्वार्थ भाव से सहयोग करना मौजूदा परिदृश्य में जोखिम भरा काम है। धन्यवाद तो दूर की बात है लोग पागल का तमगा जरूर चस्पा कर जाते हैं। बहरहाल देखने की बात यह है कि सीधे लोगों के दिन फिरते हैं या फिर यह दुर्लभ प्रजाति लुप्त हो जाएगी।

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