Saturday, March 10, 2018

यहां शहादत के किस्से जगाते हैं देशभक्ति का जज्बा

प्रेरक संग्रहालय में लगी हैं सभी शहीदों की तस्वीरें
श्रीगंगानगर. शहीदों की याद में आसफवाला बनाए गए युद्ध स्मारक (समाधि स्थल) के साथ-साथ और भी कई स्थान ऐसे हैं जो देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं। युद्ध स्मारक में बना प्रेरक संग्रहालय इसका जीता जागता उदाहरण है। शहीदों की समाधि कमेटी का इस संग्रहालय को विकसित करने का सपना था। यह सपना था कि संग्रहालय को देखने वाले लोग शहीदों के बारे में जान सकें। उनकी शहादत के किस्से सुन सकें। कमेटी का यह सपना अब साकार होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि संग्रहालय में जाने वालों को सारी जानकारी खुद-ब-खुद मिल जाती है। उनको किसी गाइड की जरूरत नहीं पड़ती। संग्रहालय में 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में फाजिल्का सेक्टर में शहीद होने वाले तमाम शहीदों के चित्र लगाए गए हैं। चित्रों के नीचे शहीदों से संबंधित विवरण भी दिया गया है। इतना ही नहीं युद्ध का विवरण तथा संग्रहालय से संबंधित जानकारी भी दीवारों पर चस्पा की गई। दुश्मन से युद्ध में जीते हुए टैंक, हथियार आदि के फोटो भी यहां लगे हैं। खास बात यह है कि यहां एक टेपरिकार्डर भी लगा रखा है जिस पर दिन भर शहादत के किस्से गूंजते हैं। यह किस्से यहां आने वालों के मन में देशभक्ति का जज्बा का जागते हैें। इस संग्रहालय की खास बात यह है कि यहां चार शहीदों की प्रतिमाएं भी लगी हैं। यहां आने वाले दर्शक इन प्रतिमाओं के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। चार प्रतिमाओं में दो 15 राजपूत रेजीमेंंट के जवानों की तथा 4 जाट रेजीमेंट के जवानों की है। 15 राजपूत रेजीमेंट के शहीद लांस नायक दृगपाल सिंह व मेजर ललित मोहन भाटिया तथा 4 जाट के मेजर नारायणसिंह व लांस हवलदार गंगाधर की प्रतिमा लगी हैं। दृगपाल को भारत सरकार की ओर से मरणोपरांत महावीर चक्र तथा भाटिया को वीर चक्र प्रदान किया गया था। इसी प्रकार मेजर नारायणसिंह व व गंगाधर को भी मरणोपंरात वीर चक्र प्रदान किया गया था। स्मारक स्थल पर बनाए गए स्मृति स्मारकों पर भी शहीदों के नामों का उल्लेख किया गया है। फाजिल्का सेक्टर में युद्ध में शामिल रेजीमेंट्स के अलग-अलग स्मृति स्मारक हैं, जिन पर सभी के नामों का विवरण दिया गया है। दर्शक इन पर भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

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पत्रिका डॉट कॉम पर 05 मार्च 18 को प्रकाशित 

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