Wednesday, October 31, 2018

वोटों की फसल : राजे और गहलोत का पेशा राजनीति, अधिकांश विधायक करते हैं खेती

सिर्फ दो का पेशा सियासत
बाकी 40 % किसान
श्रीगंगानगर. यह सुनकर आप चौंक सकते हैं कि 14 वीं विधानसभा में प्रदेश के मात्र दो विधायकों का ही पेशा राजनीति है। और ये दो विधायक हैं वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। दिलचस्प पहलू यह है कि कई विधायकों को राजनीति विरासत में मिली है तो कई तीन-तीन, चार-चार बार लगातार जीत चुके हैं, फिर भी उनका मूल पेशा राजनीति नहीं है। राजस्थान विधानसभा के पोर्टल पर 14वीं विधानसभा के लिए चुने विधायकों का जो व्यक्तिगत विवरण दिया गया था (अभी पोर्टल से इसे हटा दिया गया है) उसमें 40 फीसदी से अधिक का एकल पेशा खेती है। करीब बारह या तेरह फीसदी का पेशा कृषि के साथ-साथ दूसरा है।
197 विधायकों में से 80 का पेशा खेती है, जबकि 27 विधायक ऐसे हैं, जिनका कृषि के साथ दूसरा पेशा भी है। इस तरह 107 विधायकों का पेशा परोक्ष व प्रत्यक्ष रूप से खेती है। मजे की बात यह है जिन विधायकों का पेशा खेती है, उनमें कई तो शहरी क्षेत्र में निवास करते हैं।
वसुंधरा-गहलोत ने खुद को बताया सोशल वर्कर
जिन दो विधायकों का पेशा राजनीति है उनमें एक नाम मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है जबकि दूसरा नाम पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है। यह भी एक संयोग है इन दोनों ही नेताओं का राजनीति के साथ-साथ जो दूसरा पेशा दिया गया है वह भी एक जैसा ही है। राजनीति के साथ दोनों नेताओं ने खुद को सोशल वर्कर बताया है।
और ये भी शामिल
14वीं विधानसभा में चार पूर्व कर्मचारी या अधिकारी भी चुन कर आए। इनमें तीन जोधपुर संभाग से हैं जबकि एक जयपुर संभाग से।
दो विधायक बीमा अभिकर्ता रहे हैं।
एक विधायक का पेशा पत्रकारिता, एक ने मुख्य पुजारी का बताया है।
विधायकों के बाकी पेशे में व्यवसाय, होटल, उद्योग आदि भी है।
विधायकों में कुछ का पेशा वकालत, सीए, डाक्टर आदि भी है।
कुछ विधायकों ने अपना पेशा समाजसेवा भी बताया हुआ है।
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राजस्थान पत्रिका के 20 अक्टूबर के अंक में चुनावी पेज 'राजस्थान का रण' पर राजस्थान में प्रकाशित। 

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