श्रीगंगानगर. रेलवे चाहे तो श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ को जयपुर से बीकानेर के रास्ते के बजाय नए रूट से जोड़ सकता है। इस नए रूट से समय की बचत भी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सीकर से रींगस के बीच ब्रॉडगेज का ट्रायल पूरा हो चुका है। अब रींगस से जयपुर के बीच 57 किलोमीटर का काम बाकी रहा है। इस तरह श्रीगंगानगर से रींगस तक ब्रॉडगेज रेल लाइन का काम पूरा हो चुका है। वर्तमान में श्रीगंगानगर से सादुलपुर के बीच रेलों का संचालन हो रहा है।
बीकानेर से दिल्ली जाने वाली रेलगाडिय़ां वाया चूरू-सादुलपुर होकर चल रही हैं। सीकर से चूरू के बीच भी रेलों का संचालन होता है। इतना ही नहीं रींगस से फुलेरा के बीच भी संचालन हो रहा है। फिलहाल श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के यात्रियों वास्ते जयपुर जाने के लिए एकमात्र, जो ट्रेन है वह वाया बीकानेर-नागौर होकर जाती है। इस मार्ग की दूरी करीब 680 किलोमीटर है। इधर, श्रीगंगानगर से रींगस की दूरी 441 किलोमीटर है। रींगस से फुलेरा 66 किमी है तथा फुलेरा से जयपुर 54 किलोमीटर है। इन सबको जोड़ दिया तो यह दूरी 561 किलोमीटर होती है, जोकि बीकानेर-नागौर वाले रूट से 119 किलोमीटर कम है।
जयपुर-श्रीगंगानगर के बीच चलने वाले इंटरसिटी की औसत स्पीड 56.55 किमी प्रति घंटा है और यह श्रीगंगानगर से जयपुर पहुंचने में बारह घंटे लेती है। नए रूट पर रेल इसी स्पीड से चले तो कम से कम दो से ढाई घंटे की बचत होगी। इतना ही नहीं भविष्य में रींगस व जयपुर के ट्रैक का काम पूरा होगा तो श्रीगंगानगर से जयपुर वाया सीकर-चूरू-सादुलपुर की दूरी 498 किलोमीटर रह जाएगी।
जयपुर-श्रीगंगानगर के बीच चलने वाले इंटरसिटी की औसत स्पीड 56.55 किमी प्रति घंटा है और यह श्रीगंगानगर से जयपुर पहुंचने में बारह घंटे लेती है। नए रूट पर रेल इसी स्पीड से चले तो कम से कम दो से ढाई घंटे की बचत होगी। इतना ही नहीं भविष्य में रींगस व जयपुर के ट्रैक का काम पूरा होगा तो श्रीगंगानगर से जयपुर वाया सीकर-चूरू-सादुलपुर की दूरी 498 किलोमीटर रह जाएगी।
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राजस्थान.पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण में 19 अक्टूबर 18 के अंक में प्रकाशित।
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