Thursday, March 29, 2018

सीकर-चूरू मार्ग की सुध भी जरूरी

टिप्पणी
रेलवे ने श्रीगंगानगर से सादुलपुर जाने वाले रेलगाड़ी का संचालन रविवार से बंद कर दिया है। श्रीगंगानगर से सादुलपुर जाने वाले यात्रियों को अब यह ट्रेन हनुमानगढ़ से पकडऩी होगी। यह ट्रेन श्रीगंगानगर से शाम पौने सात बजे रवाना होती थी, जो अब हनुमानगढ़ से शाम सात बजे चलेगी। श्रीगंगानगर से हनुमानगढ़ के बीच इस ट्रेन का संचालन बंद करने का मकसद यह है कि इस मार्ग पर एक घंटे के अंतराल में दो ट्रेन थीं। अब श्रीगंगानगर से सादुलपुर जाने वाले यात्रियों को हनुमानगढ़ तक कोटा एक्सप्रेस में यात्रा करनी होगी। इसके बाद हनुमानगढ़ से वो सादुलपुर के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा समय का होगा। श्रीगंगानगर से चलकर यह ट्रेन सादुलपुर रात डेढ पहुंचती थी। अब हनुमानगढ़ से चलकर यह सवा ग्यारह बजे सादुलपुर पहुंच जाएगी। इसी तरह, सादुलपुर से हनुमानगढ़ आने के समय में बदलाव का फायदा भी नि:संदेह दैनिक यात्रियों को भी मिलेगा। यह रेल पहले भी चलती थी लेकिन इस बदलाव से लोगों को फायदा ज्यादा होगा।
इस बदलाव के बाद रेलवे को अब चूरू व सीकर मार्ग की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। सादुलपुर से चूरू तक का ट्रेक कभी का ही चालू है। इसके अलावा चूरू व सीकर के बीच में भी रेल का संचालन काफी समय से शुरू हो चुका है। जयपुर से श्रीगंगानगर तक पहले यह ट्रैक मीटर गेज था। अब सीकर-जयपुर के बीच गेज परिवर्तन का काम जारी है। इसके बाद श्रीगंगानगर से जयपुर तक ब्रॉडग्रेज ट्रेक बन जाएगा। गेज परिवर्तन के कारण श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच चलने वाली ट्रेन लंबे समय से बंद है। इस ट्रेन के अभाव में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के यात्रियों को मजबूरी में या तो बसों में यात्रा करनी पड़ती है या फिर वाया बीकानेर होकर जाने वाली ट्रेन पकडऩी पड़ती है। बस में किराया ज्यादा लगता है तो वाया बीकानेर में समय की बर्बादी होती है। पर मजबूरी में यह दोनों बातें सहन की जा रही हैं। श्रीगंगानगर से चूरू-सीकर तक रेल संचालन में देरी को लेकर आरोप तक लगते रहे हैं कि बस ऑपरेटर्स के दवाब में रेलवे जानबूझ इस मार्ग पर रेल संचालन में विलंब कर रहा है।
बहरहाल, रेलवे को श्रीगंगानगर से सीकर वाया चूरू-सादुलपुर बिना देरी किए रेल का संचालन शुरू करना चाहिए। इस मार्ग पर रेल संबंधी प्रस्ताव भेजा हुआ भी है। यह प्रस्ताव जितना जल्दी स्वीकृति हो जाए और इस मार्ग के लिए रैक मिल जाए तो शेखावाटी क्षेत्र के साथ-साथ हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर के लोग लाभान्वित होंगे। रेलवे को जनहित को ध्यान में रखते हुए इस काम को प्राथमिकता के साथ करना चाहिए। श्रीगंगानगर से जयपुर के बीच रेल संचालन में अभी वक्त है लेकिन सीकर तक जुडऩे से भी बड़ी राहत मिलेगी।

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राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण में 19 मार्च 18 के अंक में प्रकाशित

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